अखिल भारतीय फुटबाल फेडरेशन (AIFF) ने तरुण रॉय को फुटबाल दिल्ली का राजदूत (ब्रांड एम्बेसडर) घोषित किया है । इस श्रृंखला में अन्य राज्यों के कई जाने माने खिलाडियों को स्थान दिया गया है ,जिनमें मगन सिंह (राजस्थान) , ब्रूनो कोटिन्हो (गोवा) , उलगानाथन (कर्नाटक) , आईएम विजयन (केरल) , बेमबेम देवी (मणिपुर) , गुरुदेव सिंह (पंजाब) , जोयल बे (असम ) जैसे बड़े नाम शामिल हैं । हालांकि फेडरेशन के पसंदीदा खिलाडियों में कई बड़े नाम शामिल नहीं हैं , जिसे लेकर फुटबाल हलकों में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही है। लेकिन तरुण को दिल्ली के प्रतिनिधि के रूप में शामिल किए जाने को दिल्ली की फुटबाल स्वागतयोग्य कदम मानती है ।
तरुण दिल्ली के उन बिरले खिलाडियों में शामिल रहा है जिन्होंने स्कूल , क्लब , राज्य और देश का प्रतिनिधित्व किया । एक खिलाडी के रूप में उसने दिल्ली की फुटबाल में अलग स्थान बनाया । वह दस बार दिल्ली की संतोष्ट्रोफी टीम का सदस्य और कप्तान बना। जब देश के लिए खेलने का अवसर मिला, पूरी निष्ठा और लगन के साथ अपनी भूमिका का निर्वाह किया । 80-90 के दशक में उसके खेल का लोहा माना गया । क्लब स्तरीय आयोजनों और स्टेट बैंक के खिलाडी के रूप में उसने अनेक अवसरों पर अपनी टीम की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।। गोल जमाने में माहिर तरुण की प्रतिभा को भारतीय फुटबाल फेडरेशन ने भी देखा और समुचित सम्मान दिया ।
तरुण से पहले उसके बड़े भाइयों सुशांतो रॉय और स्वर्गीय अरुण रॉय ने दिल्ली और देश की फुटबाल में रॉय परिवार के फुटबाल कौशल की चमक बिखेरी |उनके पद चिन्हों पर चलते हुए तरुण को अनेक अवसरों पर भारतीय टीम के लिए खेलने और खुद को साबित करने का मौका मिला , जिसे उसने बखूबी भुनाया और राष्ट्रीय टीम के नियमित खिलाडी के रूप में नाम कमाया । उसकी प्रतिभा को देखते हुए फेडरेशन ने मॉस्को ओलम्पिक , 1980 में उसे एक दर्शक के रूप में ओलम्पिक फुटबाल देखने भेजा । भारतीय सीनियर टीम के लिए उसे नेहरू गोल्ड कप, वेस्ट इंडीज दौरे और अन्य कई आयोजन में टीम का हिस्सा बनाया गया ।
पिछले कई सालों से तरुण कोचिंग से जुड़ा है । खासकर महिला टीमों के लिए उसे एक्सपर्ट कोच माना जाता है , जिसने एशियाई खेलों , सैफ कप और अन्य कई बड़े आयोजनों के लिए राष्ट्रीय महिला टीम को प्रशिक्षण दिया । हाल फिलहाल वह वेदांता हिन्दुस्तान ज़िंक के हेड कोच की भूमिका निभा रहा है । उसके द्वारा प्रशिक्षित दर्जनों लड़कियां राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बन चुकी हैं ।चूँकि दिल्ली की फुटबाल में उसका योगदान बढ़ चढ़ कर रहा है इसलिए दिल्ली के फुटबाल राजदूत रूप में उसका चयन स्वागतयोग्य है ।
(संयोग से लेखक को स्थानीय क्लब स्तरीय और डिपार्टमेंटल फुटबाल में तरुण के साथ और उसके विरुद्ध खेलने का अवसर प्राप्त हुआ है) ।
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |