एएफसी कप: स्कूली बच्चों की तरह खेले ब्लू टाइगर्स

ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध एएफसी एशियन कप में अपने पहले क्वालीफाइंग मैच में भारतीय फुटबॉल टीम के प्रदर्शन से कोच इगोर स्टीमेक इसलिए संतुष्ट हैं,

ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध एएफसी एशियन कप में अपने पहले क्वालीफाइंग मैच में भारतीय फुटबॉल टीम के प्रदर्शन से कोच इगोर स्टीमेक इसलिए संतुष्ट हैं, क्योंकि पहले हाफ में भारतीय खिलाड़ियों ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को जैसे-तैसे रोके रखा। हालांकि दूसरे हाफ में ऑस्ट्रेलिया ने दो गोल जमाए लेकिन संतोष की बात यह रही कि ज्यादा गोल नहीं पड़े।

इगोर ठीक कह रहे हैं कि पहले हाफ की तुलना में दूसरे हाफ का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। फुटबॉल जानकारों की राय में भारतीय टीम सिर्फ एक हाफ तक अच्छा खेल सकती है। हालांकि कोच ने कुछ खिलाड़ियों की गैर-मौजूदगी का बहाना बनाया लेकिन सच्चाई यह है कि ऑस्ट्रेलिया जैसी उच्च रैंकिंग वाली टीम के विरुद्ध जैसे-तैसे जान बचाना ही काफी है। पहले हाफ में मजबूत प्रतिद्वंद्वी को गोल नहीं करने देना मैच की बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है।

ऑस्ट्रेलिया के कमजोर पहलू की बात करें तो वो 71 फीसदी बॉल पोजिशन के बावजूद कम गोल जमा पाई। फीफा रैंकिंग 35वें नंबर की टीम ने 102वें स्थान पर बैठे भारत को खेल के हर विभाग में बेहद अदना साबित किया। बस गोल कम निकल पाए।
यह कहना गलत नहीं होगा कि कंगारुओं ने ब्लू टाइगर्स को स्कूली बच्चों की तरह नचाया, लेकिन गोलकीपर के ठोस प्रदर्शन और गोल मुहाने पर भीड़ जुटाने की रणनीति काम कर गई और भारतीय टीम सम्मानजनक हार को प्राप्त हुई। उज्बेकिस्तान और सीरिया के विरुद्ध यही रणनीति कारगर रहेगी,क्योंकि भारतीय टीम प्रबंधन और कोच इगोर के पास और कोई रास्ता नहीं बचा है। हां, यदि चमत्कार हुआ तो एक मैच जीता जा सकता है।

Rajender Sajwan Rajender Sajwan,
Senior, Sports Journalist
Share:

Written by 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *