विवादों के गर्भ से कैसे निकला एक निर्विवाद चैम्पियन

real champion out of controversy

नॉएडा सिटी फुटबाल क्लब ने दिल्ली फुटबाल लीग (बी डिवीज़न) का खिताब जीत लिया है । यह खबर चौंकाने वाली जरूर है क्योंकि बहुत से लोग जानना चाह रहे हैं कि नॉएडा तो यूपी में पड़ता है फिर भला यूपी का क्लब दिल्ली का चैम्पियन कैसे बन सकता है ? अब इसे दिल्ली साकर एसोसिएशन की दरिया दिली कहें या कुछ और लेकिन दिल्ली की फुटबाल में ऐसा बहुत कुछ होता रहा है , जिसका स्पष्टीकरण देने में खुद डीएसए असहाय है । हाल फिलहाल डीएसए ने पुरुष खिलाडियों से सजी टीमों के नामकरण महिला शब्द जोड़ कर किए और जमकर जगहंसाई हुई , जिसे बमुश्किल सुधारा गया है ।

जहाँ तक दिल्ली की फुटबाल को संचालित करने वाली पितृ संस्था की बात है तो डीएसए सालों से विवादों में रही है लेकिन पिछले कुछ सालों में डीएसए को फुटबाल दिल्ली नाम की अपनी ही इकाई के दबदबे का भय सत्ता रहा है। यह उल्लेख इसलिए किया जा रहा है क्योंकि लीग मुकाबलों के चलते दोनों इकाइयां सौतनों की तरह लड़ती भिड़ती रहीं , जिसका असर पुरस्कार वितरण समारोह तक साफ़ नज़र आया । हैरानी वाली बात यह है कि फाइनल दिवस पर एक दो नहीं आठ से दस चीफ गेस्ट को आमंत्रित किया गया और समारोह की शोभा बिगाड़ी गई |

खैर, मौका आँसू बहाने और एक दूसरे को कोसने का नहीं है । लीग का समापन शान दार रहा और विजेता वही बना जोकि ट्रॉफी जीतने का हक़ दार था । यह भी मानना पड़ेगा कि नॉएडा सिटी डीएसए का अपना क्लब है, जिसमें दिल्ली और देशभर के पंजीकृत खिलाडी खेल रहे हैं , यही आधुनिक फुटबाल का चलन है जिसे भारतीय फुटबाल फेडरेशन की मान्यता प्राप्त है । नॉएडा , गढ़वाल , उत्तराखंड , पंजाब , बंगाल या कुछ भी नाम के साथ जोड़ने से क्लब की पहचान करना ठीक नहीं है ।

जहां तक नॉएडा सिटी की खिताबी जीत की बात है तो इस क्लब की बड़ी उपलब्धि यह रही कि उसने खिताब के प्रबल दावे दार जुबा संघा और कॉलेजियन को बहादुरी के साथ बाहर का रास्ता दिखाया ।
टीम प्रबंधन, कोच और खिलाडी साधुवाद के पात्र हैं| बेशक , दिल्ली की फुटबाल के साथ एक ऐसा पेशेवर क्लब जुड़ गया है , जिसमें दूर तक जाने की हिम्मत और ताकत साफ़ नज़र आती है । प्रीमियर लीग में दिल्ली एफसी , वाटिका , गढ़वाल एफसी और सुदेवा आदि क्लब अपनी अलग पहचान इसलिए रखते हैं क्योंकि इन क्लबोँ ने अपने लिए अलग तरह का माहौल बनाया है । इनके पास उच्च स्तरीय खिलाडियों के साथ साथ सैकड़ों समर्थक और सपोर्टर भी हैं । यही आज की फुटबाल की सबसे बड़ी जरुरत भी है । इस कसौटी पर पहले ही प्रवेश में लीग ख़िताब जीतने वाली नॉएडा सिटी भी खरी नज़र आती है । लेकिन चैम्पियन को अभी लम्बा सफर तय करना है और कई सीढ़ियां चढ़ना बाकी है ।

Rajender Sajwan Rajender Sajwan,
Senior, Sports Journalist
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