कोलकाता में ट्रेनी महिला डाक्टर से दुष्कर्म व हत्या के मामले को लेकर देशभर में नाराजगी है। बंगाल में पिछले 40 दिनों से विभिन्न डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अब इस दरिंदगी की घटना का असर दुर्गा पूजा में भी दिखाई देगा क्योंकि बंगाल में थीम आधारित दुर्गा प्रतिमा से लेकर पंडाल तैयार किए जाते हैं।
पंडाल में दिखा RG kar केस
पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा पर डॉक्टर केस का असर साफ दिखाई दे रहा है। कोलकाता की नाकतला नबपल्ली दुर्गापूजा समिति न आर.जी. कर की पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए पूरे पंडाल को ऐसे पोस्टरों और तस्वीरों से सजाने का फैसला किया है। पंडाल की साज-सज्जा में महिला अधिकारों की भी वकालत की जाएगी।
महिलाओं को कैसे सताया जा रहा है
बीजेपी से जुड़े आयोजक बिस्वजीत सरकार ने इंडिया टुडे से कहा, ‘कामदुनी, हसखली, आरजी कर और चुनाव के बाद की हिंसा. मां दुर्गा के सामने यह सब हो रहा है, राज्य में महिलाओं को कैसे आतंकित किया जा रहा है और वह यह सब नहीं देख पा रही हैं. वह अपनी आंखे छिपा रही हैं. उनका शेर, जो सबसे शक्तिशाली है, शर्म से अपना सिर झुकाए हुए है. यह सिर्फ एक आरजी कर पीड़िता का मामला नहीं है, बल्कि हाल के दिनों में महिलाओं पर हुए सभी अत्याचारों का प्रतीक है.
कोलकाता के प्रमुख बाजार न्यू मार्केट में एक दुकान समीरन मंडल कहते हैं-
इस साल आम लोगों ने आर.जी. कर की घटना को ध्यान में रखते हुए पूजा को उत्सव की तरह नहीं मनाने का फैसला किया है, इसलिए पूजा का आयोजन तो पहले जैसा ही होगा. लेकिन उसमें रंगीनियां नहीं होंगी। पहले जहां दुकानो में रोजाना औसतन 20 से 25 हजार की बिक्री होती थी वह अब घटकर पांच से 10 हजार के बीच यानी आधा या उससे भी कम रह गई है। कपड़ा बिक्रेताओं का दावा है कि इस बार कारोबार पिछले साल के मुकाबले एक-तिहाई है।
बंगाल में दुर्गा पूजा का कारोबार 50 हजार करोड़ से ज्यादा है. पूजा के दौरान कॉर्पोरेट घराने 800 से लेकर 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा तक खर्च करते हैं. इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स पहले ही अनुमान जता चुका है.
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