मुंबई:- मुंबई का गणेशोत्सव पूरे देश में प्रसिद्ध है, और लालबागचा राजा इस महोत्सव का मुख्य आकर्षण है। हर साल इस उत्सव को लेकर भक्तों में भारी उत्साह देखने को मिलता है। इस साल लालबागचा राजा की शोभा और भी बढ़ गई, जब अनंत अंबानी ने भगवान गणेश को 20 किलो का सोने का मुकुट दान किया। हालांकि, विसर्जन से पहले इस मुकुट को विशेष सुरक्षा उपायों के तहत हटा दिया गया।
अनंत अंबानी का उदार दान
रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुखिया मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी ने इस साल गणपति महोत्सव के दौरान लालबागचा राजा को यह सोने का मुकुट भेंट किया। यह मुकुट 20 किलो सोने से बना है और इसकी अनुमानित कीमत करोड़ों रुपये आंकी गई है। अनंत अंबानी का यह दान न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि उनके परिवार की गणेश उत्सव में गहरी आस्था को भी दर्शाता है। हर साल गणेशोत्सव के दौरान लालबागचा राजा को कई महंगे आभूषण और अन्य भेंटें मिलती हैं, लेकिन इस साल का मुकुट विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।
मुकुट का महत्व और विशेषता
सोने का यह मुकुट लालबागचा राजा की भव्यता को और भी बढ़ाता है। इसे खासतौर पर भगवान गणेश की प्रतिमा के लिए बनाया गया था, और गणेशोत्सव के दौरान यह मुकुट भक्तों के बीच आकर्षण का प्रमुख केंद्र बना रहा। हजारों लोग इस मुकुट के दर्शन करने के लिए लालबागचा राजा के पंडाल में पहुंचे। इस मुकुट को बनाने में उच्च गुणवत्ता वाले सोने का उपयोग किया गया, और इसे बनाने में महीनों की मेहनत लगी।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
मुकुट की अत्यधिक कीमत को ध्यान में रखते हुए, विसर्जन से पहले इसे हटाने का निर्णय लिया गया। विसर्जन की प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार की क्षति या चोरी से बचाने के लिए यह कदम उठाया गया। मुकुट को हटाने के बाद इसे बैंक लॉकर में सुरक्षित रखा जाएगा। मुंबई पुलिस और आयोजन समिति ने इस मुकुट की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए थे। इसके अलावा, पंडाल में लगे सीसीटीवी कैमरों और निजी सुरक्षा गार्डों ने पूरे उत्सव के दौरान इस बहुमूल्य मुकुट की कड़ी निगरानी रखी।
लालबागचा राजा: आस्था और भक्ति का केंद्र
लालबागचा राजा का पंडाल हर साल लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र होता है। लोग दूर-दूर से इस पंडाल में दर्शन करने के लिए आते हैं। मुंबई का यह पंडाल खासकर इसलिए भी प्रसिद्ध है, क्योंकि यहां पर भक्तों की हर मुराद पूरी होने की मान्यता है। इस बार अनंत अंबानी द्वारा दान किया गया सोने का मुकुट इस पंडाल की शोभा को और भी बढ़ाने में सफल रहा। भव्य सजावट और धार्मिक आयोजनों के बीच यह मुकुट खास आकर्षण का केंद्र बना रहा।
विसर्जन की प्रक्रिया और परंपरा
लालबागचा राजा का विसर्जन मुंबई की एक प्रमुख परंपरा है, जिसे बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। हर साल गणेश चतुर्थी के समापन पर यह विसर्जन किया जाता है, जिसमें हजारों लोग शामिल होते हैं। विसर्जन के दौरान भगवान गणेश की मूर्ति को समुद्र या नदी में विसर्जित किया जाता है, जिससे गणपति बप्पा अगले साल फिर लौटने का वादा करते हैं। हालांकि, इस बार विसर्जन से पहले मुकुट को अलग कर सुरक्षित रखने की आवश्यकता थी। आयोजकों ने इस मुकुट को सुरक्षित तरीके से हटाने के लिए विशेष योजना बनाई, ताकि गणपति विसर्जन बिना किसी रुकावट के संपन्न हो सके।
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