New Delhi: दिल्ली विधानसभा की 70 विधानसभा सीटों के लिए बुधवार को सिंगल फेज में वोटिंग होगी। लोकसभा चुनाव में INDIA ब्लॉक का हिस्सा रहीं पार्टियां एक दूसरे के खिलाफ मैदान में हैं। इनमें आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस सभी 70 सीटों पर आमने-सामने हैं।
बीजेपी को अच्छी बढ़त हासिल
लोकसभा चुनाव में दिल्ली की 7 सीटों पर AAP और कांग्रेस ने INDIA ब्लॉक में साथ रहते हुए लड़ा था। इसके तहत AAP ने 4 और कांग्रेस ने 3 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सभी 7 सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमाया था। भाजपा को 54.7% जबकि INDIA ब्लॉक को कुल 43.3% वोट मिला था। जीत-हार का मार्जिन सभी सीटों पर औसतन 1.35 लाख रहा था। भाजपा 52 विधानसभा सीटों पर आगे रही थी। इस लिहाज से विधानसभा चुनाव में भाजपा को अच्छी बढ़त हासिल है।
क्या जेपी नड्डा जीता पाएंगे बीजेपी को?
यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या नड्डा जाते-जाते BJP को दिल्ली जिता पाएंगे? यह सवाल इसलिए ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि नड्डा के पूर्णकालिक अध्यक्ष काल की शुरुआत में हुए फरवरी, 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी को एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा था। वह जून, 2019 में BJP के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए थे, लेकिन पूर्णकालिक अध्यक्ष जनवरी, 2020 में ही बने। इस तरह फरवरी, 2020 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव नड्डा की अध्यक्षता की पहली चुनावी परीक्षा थी, लेकिन BJP के हिस्से हार ही आई।
कम वोट शेयर के बाद भी हो सकती है बीजेपी की जीत
हरियाणा में बीजेपी ने वोट शेयर में एक फीसदी से भी कम अंतर से कांग्रेस को हराया था. कांग्रेस से 1.18 लाख ज़्यादा वोट पाकर बीजेपी ने 48 सीट जीतीं, जो बहुमत से तीन ज़्यादा थीं. कांग्रेस ने 2019 के मुक़ाबले 11 फीसदी ज्यादा वोट शेयर हासिल किया, लेकिन सिर्फ सात सीटें ज्यादा जीत सकी. इसी तरह ओडिशा में भी बीजेपी ने विधानसभा चुनाव जीता, जहां उसे 78 सीटें मिलीं, बीजेडी को 51 सीटें हासिल हुई. बीजेडी 40.22 प्रतिशत के साथ 40.07 फीसदी वोट शेयर हासिल करने वाली बीजेपी से इस मामले में थोड़ा आगे रही. दिल्ली में भी 2020 चुनाव के वोट शेयर से पता चलता है कि कम वोट शेयर के साथ भी बीजेपी सत्ताधारी AAP से जीत सकती है.
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