New Delhi: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल अधिकारियों के अनुसार, उनकी हालत “स्थिर” है और उन्हें निगरानी में रखा गया है। 98 वर्षीय आडवाणी का इलाज डॉ. विनीत सूरी, जो कि न्यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार हैं, द्वारा किया जा रहा है।
अस्पताल में भर्ती होने का कारण अभी अस्पष्ट नहीं
आडवाणी को दो दिन पहले अस्पताल लाया गया था और इस साल के शुरुआत में भी उन्हें इसी अस्पताल में भर्ती किया गया था। हालांकि, उनकी ताजातरीन अस्पताल में भर्ती होने के कारण का खुलासा अभी तक नहीं किया गया है।
राजनीतिक यात्रा का संक्षिप्त विवरण
8 नवंबर 1927 को कराची में जन्मे लाल कृष्ण आडवाणी ने 14 वर्ष की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ाव शुरू किया। विभाजन के बाद 1947 में उनका परिवार भारत आ गया। 1951 में आडवाणी ने भारतीय जनसंघ (जो बाद में भाजपा बनी) जॉइन किया, जिसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने स्थापित किया था।
आडवाणी ने 1970 में राज्यसभा में प्रवेश किया और 1972 में पार्टी के अध्यक्ष बने। आपातकाल के दौरान 1975 में उन्हें और अटल बिहारी वाजपेयी को गिरफ्तार किया गया। 1977 में जनता पार्टी सरकार के गठन के बाद उन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्री नियुक्त किया गया। 1980 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आडवाणी के नेतृत्व में भाजपा का विकास
आडवाणी की अगुवाई में भाजपा ने 1984 के लोकसभा चुनाव में केवल दो सीटों से बढ़कर 1990 के दशक में राष्ट्रीय पार्टी के रूप में अपनी पहचान बनाई। राम जन्मभूमि आंदोलन में उनकी भूमिका ने पार्टी की राजनीतिक ताकत को और बढ़ाया। वह तीन बार भाजपा के अध्यक्ष रहे और अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली NDA सरकार में उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री भी रहे। 2009 के लोकसभा चुनावों में आडवाणी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया था, लेकिन भाजपा को सफलता नहीं मिली।
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Ms. Pooja, |