पनामा नहर को अमरिका के कब्जे में लाने की कारवाई शुरू,भारत- अमेरिका के रिश्ते पर सबकी नजर , ट्रम्प 2.0 का असर कैसा होगा भारत पर?

Panama river

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप का नए राष्ट्रपति के रूप में आगाज हो चुका है. और भारत और अमेरिका के रिश्ते कैसे बनेंगे इस पर सबकी नजर है. खास तौर से उन रक्षा सौदों पर नजर रहेगी, जो अभी तक पूरी तरह से परवान नहीं चढ़ पाए हैं. भारत जहां नई ट्रंप सरकार से टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और कीमतों को अनुकूल बनाने पर जोर देगा. वहीं ट्रंप भी भारत से सख्ती से मोल-भाव की कोशिश करेंगे. ऐसे में कुछ ऐसे अहम सौदे हैं, जो अगर रफ्तार पकड़ते हैं तो उससे भारत की रक्षा क्षमता को बड़ा बूस्ट मिलेगा.

पहले दिन ही पुतिन से हुई नाराजगी

डोनाल्ड ट्रंप को उम्मीद थी कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उनके शांति प्रस्ताव को आगे बढ़कर स्वीकार करेंगे. ट्रंप के शपथ से महज दो घंटे पहले पुतिन ने रूस-यूक्रेन युद्ध में सीजफायर की बात को खारिज करने का ऐलान कर दिया. राष्ट्रपति ट्रंप के लिए यह किसी झटके से कम नहीं है. ट्रंप ने अपनी इस नाराजगी को जाहिर करते हुए वो पुतिन पर निजी हमला करने से भी नहीं चूके. ट्रंप ने कहा कि पुतिन ने रूस को बर्बाद कर दिया है. चेतावनी भरे अंदाज में ट्रंप ने कहा कि रूस के लिए शांति प्रस्ताव फायदे का सौदा है और पुतिन को यह डील कर लेना चाहिए.

ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत-US रिश्ते पर हुई जमकर चर्चा

नवंबर में अमेरिकी चुनावों में ऐतिहासिक जीत के बाद 78 वर्षीय रिपब्लिकन नेता की सत्ता में जोरदार वापसी और भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों पर इसके संभावित प्रभाव की चर्चा नयी दिल्ली और वाशिंगटन दोनों में काफी हुई है। बांग्लादेश में भारत की पूर्व उच्चायुक्त सीकरी को हालांकि लगता है कि नया ट्रंप प्रशासन “जो बाइडन प्रशासन के तहत भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में पहले से ही हासिल की गई उपलब्धियों को आगे बढ़ाएगा”।

सुरक्षा आपूर्ति व्यवस्था के बारे मे

यह एक गैर-बाध्यकारी समझौता है, जिसके तहत दोनों देश राष्ट्रीय रक्षा को बढ़ावा देने वाले सामान और सेवाओं के लिए आपसी प्राथमिकता समर्थन प्रदान करेंगे. यह समझौता संकट के समय में महत्वपूर्ण रक्षा उपकरणों की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करेगा.

डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन को दी चुनौती

डोनाल्ड ट्रंप ने पनामा नहर पर चीन के नियंत्रण को सीधे-सीधे चुनौती देते हुए पनामा नहर को अमेरिका के कब्जे में लाने की कार्रवाई शुरू कर दी है. चीन के प्रति सख्त नीति को जारी रखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन से भी अमेरिका के हटने का फैसला लिया है. चीन से संबंध रखने वाले अमेरिकी जनरल मार्क मिले को राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा दी गई माफी से भी ट्रंप बेहद नाराज है.

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