फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को लेकर पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी सीमा पर 13 महीनों से धरना दे रहे किसानों को बुधवार को पंजाब पुलिस ने हटा दिया। पुलिस ने वहां पर किसानों के मंच और टेंट बुलडोजर लगाकर उखाड़ दिए। इसके अलावा किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर समेत कई लोगों को हिरासत में लिया है।
पंजाब सरकार का बयान?
पंजाब सरकार के मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने ANI से कहा कि यह कार्रवाई इसलिए की गई है क्योंकि पंजाब सरकार शंभू और खनौरी बॉर्डर को खोलना चाहती है। उन्होंने कहा कि किसानों को दिल्ली या कहीं और जाकर विरोध प्रदर्शन करना चाहिए क्योंकि वे अपनी मांग केंद्र सरकार से कर रहे हैं।
शंभू बॉर्डर पर वाहनों की आवाजाही होगी शुरू
पंजाब पुलिस की कार्रवाई के बाद कल हरियाणा पुलिस भी दोनों बॉर्डर पर पहुंचेगी, जिसके बाद सीमेंट की बैरिकेडिंग हटाई जाएगी। इसके बाद शंभू बॉर्डर से जीटी रोड को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा। इससे पहले शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों और केंद्र सरकार के बीच बुधवार को 7वीं वार्ता बेनतीजा रही। इसमें किसान नेता समेत केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, पीयूष गोयल और प्रह्लाद जोशी शामिल हुए।
हरपाल सिंह चीमा की प्रतिक्रिया
घटना पर पंजाब के मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि यह कार्रवाई इसलिए की गई, क्योंकि वे शंभू और खनौरी बॉर्डर खोलना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि सीमाएं बंद होने से पंजाब के व्यापारी और युवा बहुत परेशान हैं। कहा, जब व्यापारी व्यापार करेंगे, तो युवाओं को रोजगार मिलेगा और वे नशे से दूर रहेंगे। यह कार्रवाई इसलिए की गई है क्योंकि हम चाहते हैं कि युवाओं को रोजगार मिले। किसानों को दिल्ली या कहीं और धरना देना चाहिए, क्योंकि उनकी मांगें केंद्र सरकार से जड़ी हुई हैं।
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