New Delhi: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव रविवार दोपहर अचानक अपने पुत्र अर्जुन यादव के साथ यहां पहुंचे। संगम में डुबकी लगाई। इसके बाद महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर 16 में पहुंचे। यहां समाजवादी नेता व पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव स्मृति सेवा संस्थान में लगी मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाते हुए आशीर्वाद लिया।
जनता का कल्याण की कामना की
अखिलेश ने कहा मुझे 11 डुबकी लगाने का मौका मिला। संगम पर महाकुंभ मनाया जा रहा है। ऐसा संयोग 144 साल बाद आया है। भगवान से यही कामना है कि सौहार्द्र रहे, सहनशीलता रहे। जनता का कल्याण हो, यही कामना है। अखिलेश ने कहा यह बड़ा आयोजन है। हमें याद है कि जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी, तब हमें कुंभ कराने का मौका मिला था। तब हमने कम संसाधन में इसे बेहतर तरीके से कराया था। यह बात तमाम स्टडी कहती हैं, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी भी कहती है।
अखिलेश यादव ने बताया डुबकी लगाना राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण
अखिलेश यादव के संगम में डुबकी लगाने को राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी की ओर से विपक्षी दलों के महाकुंभ से अलग-थलग रहने को एक बड़ा मुद्दा बनाया जा रहा था। उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने अब अलग दांव चला है। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को संगम तट पर पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाई। इसके जरिए वह एक बड़े हिंदू वोट बैंक को साधने की कोशिश करते दिख रहे हैं।
अखिलेश यादव ने क्यों लगाया 11 डुबकी ?
अखिलेश यादव ने त्रिवेणी संगम में स्नान करने के दौरान 11 डुबकी लगायी। 11 डुबकी लगाने के लिए उनकी कोई मनोकामना थी। इस पर सपा मुखिया ने बेहद सहज भाव से कहा कि एक बेहद प्रतिष्ठित, सम्मानित साधु-संत ने मुझे यह बताया था कि महाकुंभ के दौरान संगम में 11 डुबकी अच्छी मानी जाती है। महाकुंभ में 11 डुबकियों का पुण्य माना जाता है। इसीलिए उन्होंने संगम में स्नान के दौरान 11 डुबकी लगायी।
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