New Delhi: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत शर्तों में राहत दी है। अब उन्हें हर सप्ताह दो बार जांच अधिकारी के सामने पेश होने की जरूरत नहीं होगी। इससे पहले यह अनिवार्यता सोमवार और गुरुवार को सुबह 10 से 11 बजे के बीच थी, जिसे अब हटा दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 9 अगस्त को सिसोदिया को शराब घोटाले से जुड़े मामलों में जमानत दी थी। अदालत ने मुकदमे में हो रही देरी का हवाला देते हुए उन्हें 10 लाख रुपये के दो निजी मुचलकों पर रिहा किया था। हालांकि, कोर्ट ने सिसोदिया पर यह शर्त लगाई थी कि वे जांच में सहयोग करने के लिए नियमित रूप से उपस्थित रहेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाई राहत भरी बात
जस्टिस बी आर गवई और के वी विश्वनाथन की बेंच ने बुधवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए माना कि अब यह शर्त जरूरी नहीं है। कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया को जांच अधिकारी के पास नियमित रूप से जाने की आवश्यकता नहीं होगी। हालांकि, मुकदमे के दौरान अदालत में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित रहनी चाहिए।
सिसोदिया ने जताई शर्त हटाने की जरूरत
मनीष सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन देकर जमानत शर्तों में बदलाव की मांग की थी। उन्होंने खुद को जिम्मेदार नागरिक और नेता बताते हुए कहा कि वे हमेशा जांच में सहयोग के लिए तैयार हैं। साथ ही, उन्होंने तर्क दिया कि बार-बार पेश होने की अनिवार्यता उनके राजनीतिक और व्यक्तिगत कार्यों में बाधा उत्पन्न कर रही है।
सिसोदिया के लिए राहत का समय
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से मनीष सिसोदिया को निजी और राजनीतिक कार्यों के लिए अधिक समय मिल सकेगा। हालांकि, शराब घोटाले से जुड़े मुकदमों पर कोर्ट की कड़ी निगरानी बनी रहेगी, और आगे की जांच प्रक्रिया में उनका सहयोग अनिवार्य रहेगा।
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Ms. Pooja, |