प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोलैंड और यूक्रेन दौरा: नई रणनीतिक ऊंचाइयों की ओर भारत

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोलैंड का दो दिवसीय दौरा समाप्त होने के तुरंत बाद, वे यूक्रेन के दौरे पर पहुंचे। यह दौरा इसलिए खास है क्योंकि यह यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है। पीएम मोदी विशेष ट्रेन “रेल फोर्स वन” से लगभग दस घंटे की यात्रा के बाद कीव पहुंचे, जहां उन्होंने भारतीय समुदाय से मुलाकात की।

राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ अहम बैठक

प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा का मुख्य आकर्षण यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ उनकी बहुप्रतीक्षित मुलाकात है। यह मुलाकात दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने और रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत की कूटनीतिक स्थिति को स्पष्ट करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ने कीव के नेशनल म्यूजियम में जाकर उन बच्चों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जो इस युद्ध के दौरान मारे गए थे।

गांधी की विरासत का सम्मान

प्रधानमंत्री मोदी ने कीव में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर भी पुष्प अर्पित किए, जो शांति और अहिंसा के सिद्धांतों की प्रतीक है। इस यात्रा का एक और महत्वपूर्ण पहलू “भिश्म क्यूब” नामक मोबाइल अस्पताल का प्रदर्शन था, जो आपदा प्रबंधन के लिए एक नई पहल है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने यूक्रेनी छात्रों से भी बातचीत की, जो हिंदी सीख रहे हैं, जिससे भारत-यूक्रेन के सांस्कृतिक संबंधों को और गहरा किया जा सके।

भारत-रूस संबंधों पर असर?

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच इस यात्रा को काफी अहम माना जा रहा है। भारत ने अभी तक इस युद्ध में तटस्थ रुख अपनाया है, लेकिन पश्चिमी देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करते हुए रूस के साथ भी अपने पुराने संबंधों को बनाए रखने की कोशिश की है। इस दौरे के माध्यम से भारत ने अपने कूटनीतिक संतुलन को बनाए रखने की कोशिश की है, ताकि वह वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका को और प्रभावी बना सके।

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