अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदेशी कार निर्माताओं को बड़ा झटका दिया है। अब अमेरिका में इंपोर्ट होने वाली सभी विदेशी कारों पर 25 फ़ीसदी टैरिफ लगाया जाएगा। यानी अब अमेरिका में उन सभी कारों पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा जो उनके देश में नहीं बनी है। वहीं अगर कोई विदेशी कंपनी भी कार अमेरिका में बनाती है तो उस पर कोई टैरिफ नहीं लगेगा।
कारों के दाम में बढ़ोतरी
ऑटो एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस टैरिफ से कारों की कीमत बढ़ सकती है. ‘ऑटोस ड्राइव अमेरिका’ जैसे इंटरनेशनल कार मैन्युफैक्चरर्स के ग्रुप ने चिंता जताई कि इससे कार बनाना महंगा हो जाएगा, जिससे ग्राहकों को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है और कार खरीदने के ऑप्शन भी कम हो सकते हैं. इसके अलावा, यह फैसला अमेरिका और यूरोप, जापान, साउथ कोरिया जैसे देशों के बीच ट्रेड वॉर को बढ़ा सकता है, क्योंकि ये देश अमेरिका को बड़ी संख्या में गाड़ियां निर्यात करते हैं.
क्या टैरिफ से मस्क को होगा फायदा?
ट्रंप के विदेशी कारों पर भारी टैरिफ लगाने का सबसे ज्यादा फायदा एलन मस्क को होगा. दरअसल वह टेस्ला कंपनी के मालिक हैं. टेस्ला अमेरिका में बेची जाने वाली सभी कारों को कैलिफ़ोर्निया और टेक्सास में बनाती है. इसका मतलब तो साफ है कि टेस्ला की कारों पर कोई टैरिफ नहीं लगेगा. टेस्ला ट्रंप के टैरिफ नियम से बाहर है. हालांकि इंपोर्टेड पार्ट्स पर टैरिफ की वजह से कंपनी की प्रोडक्शन कॉस्ट में बढ़ोतरी जरूर देखने को मिलेगी. बता दें कि पिछले साल अमेरिका में टेस्ला की मॉडल वाई स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल और मॉडल 3 सेडान सबसे ज्यादा बिकने वाली इलेक्ट्रिक गाड़ियां थीं.
क्या एलन मस्क ने इस फैसले की लेने की दी है सलाह?
दुनियाभर में चर्चा हो रही है कि ट्रंप के फैसले के पीछे क्या टेस्ला के सीईओ एलन मस्क का हाथ है? इस बीच ट्रंप ने कहा है कि मस्क ने मुझसे कभी कोई एहसान नहीं मांगा है और ना ही उन्होंने ऑटो टैरिफ पर कोई सलाह दी है। हालांकि ट्रंप ने खुद कहा है कि उन्होंने प्रमुख ऑटो निर्माताओ से इसको लेकर चर्चा की थी। यह भी माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप का यह फैसला टेस्ला को फायदा दे सकता है।
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