नई दिल्ली: राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक औपचारिक समारोह में राष्ट्रपति ने नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री नियुक्त किया। यह औपचारिक निमंत्रण उस समय आया जब भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनावों में भारी बहुमत हासिल किया। सरकार बनाने का यह निमंत्रण भारतीय लोकतंत्र की पारंपरिक प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसमें बहुमत प्राप्त करने वाली पार्टी के नेता को राष्ट्रपति द्वारा सरकार बनाने के लिए बुलाया जाता है।
दही-चीनी का महत्व
राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को दही-चीनी खिलाई, जो भारतीय संस्कृति में शुभ माना जाता है। दही और चीनी का मिश्रण शुभ और सौभाग्य का प्रतीक होता है। इसे महत्वपूर्ण कार्यों से पहले खाया जाता है ताकि कार्य में सफलता मिले। यह परंपरा विशेष रूप से नई शुरुआत और महत्वपूर्ण अवसरों पर अपनाई जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए सरकार गठन की प्रक्रिया की शुरुआत के समय यह शुभ कार्य किया गया।
सांस्कृतिक महत्व
दही-चीनी खिलाना भारतीय संस्कृति और परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारतीय समाज में यह माना जाता है कि दही-चीनी का मिश्रण खाने से मन और शरीर दोनों को शांति और ऊर्जा मिलती है। यह नई चुनौतियों का सामना करने के लिए व्यक्ति को तैयार करता है। इसके साथ ही, यह शुभता और सफलता की कामना का प्रतीक भी है। जब किसी को दही-चीनी खिलाई जाती है, तो उसे यह संदेश मिलता है कि उसे आगामी कार्यों में सफलता मिले।
राजनीतिक प्रतीक
राजनीतिक दृष्टि से भी दही-चीनी का यह आयोजन महत्वपूर्ण है। यह न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए शुभकामनाओं का प्रतीक है, बल्कि नई सरकार के सफल और समृद्ध कार्यकाल की कामना का भी द्योतक है। राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री को दही-चीनी खिलाना एक संकेत है कि नई सरकार को शुभता और सफलता मिले।
राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दही-चीनी खिलाना एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और राजनीतिक परंपरा है। यह नई सरकार की सफलता और शुभता की कामना के साथ जुड़ा हुआ है। भारतीय संस्कृति में इस परंपरा का विशेष स्थान है और इसे आगामी कार्यों में सफलता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
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