आज यानि 30 जून 2023, दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समापन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेट्रो के द्वारा दिल्ली यूनिवर्सिटी (डियू) में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे साथ ही शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी इस समारोह में सम्मिलित हुए। इस दौरान प्रधानमंत्री ने मेट्रो में आम यात्रियों से बातचीत की। डियू के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत किया।
विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष के समापन समारोह में पीएम मोदी के शामिल होने को लेकर पूरे नॉर्थ कैंपस में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए।
समारोह में जगह – जगह पर विश्वविद्यालय से संबंधित पोस्टर्स लगाए गए। जिसमें वर्ष भर का लेखा – जोखा देखने को मिला। साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय के 100 वर्षों के सफर को एक शॉर्ट फिल्म के माध्यम से दर्शाया गया। वहीं इन 100 वर्षों में डियू को प्राप्त हुई उपलब्धि की भी इसमें झलक देखने को मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर सेंटर, टेक्नोलॉजी सेंटर तथा विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में बनने वाले शैक्षणिक ब्लॉक का ऑनलाइन माध्यम द्वारा आधारशिला रखा। इस शताब्दी समारोह में पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि डियू आना मेरे लिए घर जैसा अनुभव है। डियू हर महत्वपूर्ण क्षण का साक्षी रहा है।
पीएम मोदी ने कहा मैं इस ऐतिहासिक अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर्स, टीचर्स, स्टूडेंट्स और हमारे सभी पूर्व छात्रों को बहुत – बहुत बधाई देता हूं, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय भले ही दिल्ली से जुड़ा है परंतु यह विश्वविद्यालय केवल दिल्ली का ही नहीं बल्कि यह देश का विश्वविद्यालय है। वहीं उन्होंने बड़े ही खुशमिजाजी अंदाज में कहा कि आप बेशक किसी भी वर्ष के पासआउट हों, लेकिन जब दो डियू वाले आपस में मिलते हैं तो इन किस्सों पर घंटों निकाल सकते हैं जैसे आपने ओटीटी पर यह वाला वेब सीरीज देखा या वो वाला रील्स देखा आदि। आज इस आयोजन के माध्यम से यहां नए और पुराने स्टूडेंट्स भी साथ मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा नॉर्थ कैंपस के लोगों के लिए कमला नगर और मुखर्जी नगर से जुड़ी यादें और साउथ कैंपस वालों के लिए सत्य निकेतन के किस्से होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि निष्ठा, द्वितीय, सत्यम यूनिवर्सिटी का ये ध्येय वाक्य स्टूडेंट्स के जीवन में लाइटिंग लैंप की तरह है। गौरतलब है कि वर्तमान समय में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र – छात्राएं न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में अपनी शिक्षा का परचम लहरा रहे हैं। उन्होंने इस बात पर भी खुशी जताई कि आज विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों में छात्राओं की संख्या छात्रों से अधिक है। अंत में उन्होंने सभी को इस शताब्दी समापन समारोह की शुभकामनायें दी।
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Ms. Pooja, |