तीन ट्रेन हादसा, एक दर्दनाक हादसा और 288 लोगों की मृत्यु : बता दें कि ओडिशा के बालासोर में हुई इस दुर्घटना ने आज पूरे देश को झंकझोर कर रख दिया है. इस हादसे में सैकड़ों परिवारों ने अपने रिश्तेदारों को खोया है. रिपोर्ट के मुताबिक मौत से ज्यादा आंकड़ा घायलों का है, जिनका फिलहाल अस्पताल में इलाज चल रहा है. गौरतलब है कि इस भयानक दुर्घटना के बाद अब कई ऐसे सवाल हैं, जो लगातार सामने आ रहे हैं, जैसे आखिर इस हादसे का जिम्मेदार कौन है? इसकी जांच जब सीबीआई कर रही है तो फिर जांच एजेंसी के रडार पर आखिर कौन-कौन है. इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल जो है वो ये है कि इस हादसे की जांच जब सीबीआई कर रही है तो उसका परिणाम क्या आने वाला है?
बीते मंगलवार सीबीआई की टीम ने दो बार बालासोर के घटना स्थल और बहनागा रेलवे स्टेशन पर जाकर हादसे की जांच की. साथ ही टीम ने मेन लाइन और लूप लाइन दोनों की जांच की. इसी दौरान CBI के अधिकारी सिग्नल रूम भी गए. बता दें कि टीम के साथ रेलवे के अधिकारी भी मौजूद थे. टीम का पूरा फोकस हादसे के पीछे की वजह और गुनहगार की पड़ताल करने पर है. कहा जा रहा है कि समय आने पर इस सिलसिले में टीम रेलवे सुरक्षा एक्सपर्ट से भी विचार-विमर्श कर सकती है. इस हादसे की जांच के लिए बनाई गई टीम का नेतृत्व सीबीआई के संयुक्त निदेशक (विशेष अपराध) विप्लव कुमार चौधरी कर रहे हैं.
रेलवे कर्मचारियों से पूछताछ करेगी CBI
बताया जा रहा है कि बहुत जल्दी सीबीआई सहायक स्टेशन मास्टर एसबी मोहंती और बहनागा स्टेशन पर मौजूद अधिकारियों से पूछताछ करेगी. साथ ही सिग्नल और ट्रैक की देखरेख करने वाले कर्मचारियों से भी पूछताछ की जाएगी . यह भी बताया कि सीबीआई को जांच सौंपे जाने के बाद जांच एजेंसी ने दोपहर 2.15 बजे एफआईआर दर्ज की थी. क्योंकि जांच अधिकारियों के मुताबिक केस दर्ज करना सीबीआई का शुरुआती काम है.
इंटरलॉकिंग सिस्टम में छेड़छाड़ की संभावना
गौरतलब है कि केस दर्ज किए बगैर जांच एजेंसी कोई भी दस्तावेज या सामान इकट्ठा नहीं कर सकती, ना ही गवाहों से सवाल कर सकती, बयान दर्ज नहीं कर सकती या इसके साथ ही वह किसी भी ठिकाने की तलाशी भी नहीं ले सकती. शुरुआती जांच के बाद रेल मंत्रालय ने सीबीआई को इसमें शामिल किया था. जांच एजेंसी को इस केस में इसलिए भी शामिल किया गया, क्योंकि शुरुआती जांच में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ कुछ छेड़छाड़ होने की संभावना जताई जा रही है. दुर्घटना के बाद दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार कई लोगों की मौत ओवरहेड लो-टेंशन लाइन के संपर्क में आने के बाद करंट लगने से भी हुई है. अधिकारियों का कहना है कि इस हादसे के बाद कोच के पलटने से ओवरहेड तार टूट गए और बिजली के खंभे नीचे आ गए थे.
पूर्व में किए गए जांचों का नहीं निकला कोई नतीजा!
इस जांच को आगे बढ़ाने के लिए सीबीआई रेलवे सुरक्षा के साथ – साथ फोरेंसिंक विशेषज्ञों की मदद भी ले सकती है. वहीं मामले की जांच सीबीआई को दिए जाने का कई राजनेता विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि इससे पहले भी इस तरह के जिन मामलों की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी, उनका नतीजा आज तक सामने नहीं आया है. हालांकि, इन सवालों पर सीबीआई के पूर्व निदेशक एपी सिंह ने कहा कि हो सकता है, सीबीआई के पास तकनीकी विशेषज्ञता न हो, लेकिन वे रेलवे सुरक्षा विशेषज्ञों का साथ ले सकते हैं. कुछ लोगों ने पूर्व हादसों को भी उठाया है.
कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे, ममता बनर्जी और पवन कुमार बंसल ने रेल दुर्घटना की सीबीआई जांच के लिए सरकार की आलोचना की है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चार पन्नों का एक पत्र भी लिखा. जिसमें उन्होंने बताया कि सीबीआई किसी अपराध की जांच करती है, ना कि रेल दुर्घटनाओं की. साथ ही उन्होंने यह भी कहा, सीबीआई या कोई अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसी तकनीकी निर्देशों और राजनीतिक विफलताओं के लिए जवाबदेही तय नहीं कर सकती, वहीं कांग्रेस ने पूर्व में हुए कुछ बड़े हादसों के बारे में भी जिक्र किया है.
इस हादसे के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का इस्तीफा मांगा. वहीं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सीबीआई जांच को लेकर सरकार पर सवाल भी उठाए. जयराम ने कहा, बालासोर ट्रेन दुर्घटना में रेलवे सुरक्षा आयुक्त की रिपोर्ट से पहले ही सीबीआई जांच की घोषणा कर दी गई है. यह कुछ और नहीं, बल्कि हैडलाइन मैनेजमेंट है. सरकार डेडलाइन पूरा करने में पूरी तरह से विफल है.
आखिर कैसे हुआ यह हादसा?
रिपोर्ट के मुताबिक ट्रेन नंबर 12481 कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन के (शालीमार-मद्रास) मेन लाइन से गुजर रही थी, उसी वक्त डिरेल होकर वो अप लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई. ट्रेन की रफ्तार फुल स्पीड में थी, जिसका परिणाम यह हुआ कि 21 कोच पटरी से उतर गए और 3 कोच डाउन लाइन पर चले गए. आपको बता दें कि बहानगा बाजार स्टेशन पर इन ट्रेन का कोई स्टॉपेज नहीं है. ऐसे में दोनों ही ट्रेनों की रफ्तार तेज थी. बहानगा बाजार स्टेशन से गुजर रही कोरोमंडल एक्सप्रेस अचानक पटरी से उतरी तो ट्रेन के कुछ डिब्बे मालगाड़ी से जा भिड़े. जिसके कारण डाउन लाइन से गुजर रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बे भी पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस की चपेट में आ गए. हादसा भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन से करीब 171 किलोमीटर और खड़गपुर रेलवे स्टेशन से करीब 166 किलोमीटर दूर स्थित बालासोर जिले के बहानगा बाजार स्टेशन पर हुआ.
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Ms. Pooja, |