यूपी के बलिया में कुछ इलाकों में लगभग हर साल यह तबाही होती है लेकिन जिला प्रशासन के लोग इस क्षेत्र पर कोई ध्यान नहीं देते हैं। आलम यह है कि 300 मकानों में पानी प्रवेश करने के बाद लोग दूसरे स्थान डेरा डाले हुए हैं। अभी तक न राहत किट का वितरण किया गया है न दवा या उपचार के आदि के इंतजाम किए गए हैं।
घरों में घुसा पानी तो बंधा को बनाया शरणस्थली
घरों में पानी घुसने के कारण निर्माणाधीन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के बंधे पर नपा के वार्ड नंबर 11 के निहारो नगर के मराछी देवी, चंदा देवी, रमावती, गनेश प्रसाद, शंभू, शंकर, धर्मेंद्र, जयराम, मुन्ना, विनय आदि ने शरण ली है। इन लोगों का कहना है कि जिला व नपा प्रशासन की ओर से बाढ़ से बचाव को लेकर कोई इंतजाम नहीं किया गया है।
शवदाह के करने में भी हुई समस्या
गंगा नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से एक ओर जहां शहर के निचले इलाकाें मं पानी भर गया है। वहीं, दूसरी ओर महावीर घाट जाने वाली सड़क भी पानी में डूब गई है, जिससे शव दाह करने वाले लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
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