NEW DELHI. हर साल 25 जनवरी के दिन राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस का उद्देश्य नागरिकों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के प्रति जागरूक करना है। जागरूक करने के अलावा राष्ट्रीय मतदाता दिवस के जरिए देश के कोने-कोने में भिन्न समूहों के माध्यम से, नागरिकों को निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है। बता दें की देश में आज भी ऐसे कई लोग हैं, जिनका वोटर आईडी कार्ड नहीं बना है। ऐसे में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाकर नए मतदाताओं को मतदाता सूची में शामिल किया जाता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस के मौके पर भारत का निर्वाचन आयोग कई कार्यक्रमों का आयोजन भी करता है।
कब शुरू हुई मतदाता दिवस की शुरुआत
बता दें कि राष्ट्रीय मतदाता दिवस को मनाने की शुरुआत साल 2011 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल की शासन काल में आयोजित की गई थी। इसी वर्ष पहली बार 25 जनवरी के दिन राष्ट्रीय मतदाता मनाया गया था। साथ ही इस साल 2024 में भारत अपना 14वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने जा रहा है।
25 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है मतदाता दिवस?
बता दें की साल 1947 में भारत आजाद हुआ था। इसके तीन साल बाद ही 26 जनवरी 1950 के दिन भारत का संविधान लागू हुआ। संविधान लागू होने से एक दिन पहले यानी 25 जनवरी, 1950 को भारत के चुनाव आयोग की स्थापना हुई थी। इसी वजह से हर साल 25 जनवरी के दिन को भारत का राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस दिवस को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस राष्ट्रीय मतदाता दिवस का मुख्य उद्देश्य नागरिकों में चुनावी जागरुकता पैदा करना और उन्हें चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है साथ ही बता दें की राष्ट्रीय मतदाता दिवस के मौके पर अलग-अलग कैंप लगाए जाते हैं और फर्स्ट टाइम वोटर्स को उनका मतदाता फोटो पहचान पत्र दिया जाता है। कई जगहों पर युवाओं के लिए सेल्फी प्वाइंट भी लगाए जाते हैं। इस बार भारत 14 वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने जा रहा हैं, इसके लिए चुनाव आयोग ने तमाम राज्यों और जिलों में तैयारियां पूरी कर ली।
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