दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम आने के ठीक एक दिन बाद पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में बड़ा सियासी उलटफेर हुआ है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को पद से इस्तीफा दे दिया। सीएम एन बीरेन सिंह ने इंफाल के राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना त्यागपत्र सौंपा। दरअसल मणिपुर सीएम ने राज्य में जातीय हिंसा के बाद यह कदम उठाया है। इस हिंसा की देशभर में आलोचना हुई है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि मणिपुर सीएम ने आज दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद वापस आकर यह कदम उठाया है।
एन बीरेन सिंह ने अपने इस्तीफे में कहीं यह बातें
राज्यपाल को सौंपे गए अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा, मैं नोंगथोम्बम बीरेन सिंह मणिपुर के मुख्यमंत्री के पद से अपना इस्तीफा सौंप रहा हूं। मणिपुर के लोगों की सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात रही है। मैं केंद्र सरकार अत्यंत आभारी हूं, जिन्होंने समय पर कार्यवाही, हस्तक्षेप, विकास कार्य और विभिन्न परियोजनाओं को लागू किया, ताकि मणिपुर के हर एक नागरिक के हित की रक्षा की जा सके। मेरी केंद्र सरकार से ईमानदार अपील है कि वे इसी तरह काम जारी रखें।
कैसे हुई हिंसा की शुरुआत
मणिपुर में मैतेई समुदाय और कुकी समुदाय के बीच हिंसा पिछले साल तीन मई को उस समय शुरू हुई थी, जब मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ आदिवासी छात्रों संघ (ATSUM) ने एक रैली आयोजित की थी, जिसमें मणिपुरी समुदाय को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने पर विचार करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद से राज्य में हिंसा का सिलसिला जारी है, और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए केंद्र सरकार को अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा।
हिंसा के चलते था दबाव
बीरेन सिंह पर राज्य में 21 महीने से जारी हिंसा के चलते काफी दबाव था। विपक्षी पार्टियां भी लगातार NDA से इस मुद्दे पर सवाल पूछ रही थीं। इस्तीफे का फैसला लेने से पहले बीरेन सिंह ने रविवार सुबह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की थी। नए मुख्यमंत्री पर फैसला एक-दो दिन के भीतर लिया जाएगा।
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