न्यायाधीश ने जांच समिति की रिपोर्ट राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजी रिपोर्ट में जस्टिस वर्मा का जवाब भी साझा किया गया प्रभात कुमार नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने गुरुवार को जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने की सिफारिश की है। सीजेआई ने जस्टिस वर्मा द्वारा इस्तीफा दिए जाने से इनकार के बाद यह कदम उठाया है। सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने गुरुवार को अधिकारिक तौर पर बताया कि सीजेआई ने दिल्ली हाईकोर्ट के जज रहते हुए जस्टिस वर्मा के घर से भारी मात्रा में नकदी मिलने की जांच के लिए गठित 3 जजों की रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा है।
CJI ने इस्तीफे की मांग की थी
जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर नकदी मिलने के आरोपों को विश्वसनीय पाए जाने के बाद सीजेआई संजीव खन्ना ने उनसे इस्तीफा मांगा था। लेकिन जस्टिस वर्मा ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया। इसके बाद सीजेआई ने जांच पैनल की रिपोर्ट और जस्टिस वर्मा के जवाब को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी को भेज दिया है।
50 से अधिक लोगों ने दिया बयान
जानकारी के मुताबिक समिति ने साक्ष्यों की जांच की और दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा और दिल्ली अग्निशमन सेवा प्रमुख सहित 50 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए, जो 14 मार्च को रात करीब 11 बजकर 35 मिनट पर जस्टिस वर्मा के लुटियंस दिल्ली आवास पर आग लगने की घटना के पहले प्रतिक्रियादाताओं में शामिल थे.
CJI को 4 मई को सौंपा गया था रिपोर्ट
जांच समिति में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जी.एस. संधावालिया और कर्नाटक हाई कोर्ट की जज अनु शिवरामन शामिल थे। पैनल ने 4 मई को अपनी रिपोर्ट CJI को सौंपी थी। रिपोर्ट में जस्टिस वर्मा के आवास पर नकदी की मौजूदगी की पुष्टि की गई, जबकि जस्टिस वर्मा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे उनके खिलाफ “साजिश” बताया था।
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