New Delhi: भारतीय नौसेना जल्द ही अपनी क्षमता को और मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने जानकारी दी है कि भारत 26 राफेल लड़ाकू विमानों और 3 स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद के लिए अनुबंधों पर हस्ताक्षर करने की तैयारी कर रहा है। यह महत्वपूर्ण डील जनवरी 2025 तक फाइनल होने की उम्मीद है।
सशक्त नौसेना की ओर कदम
राफेल लड़ाकू विमान विशेष रूप से स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर तैनात किए जाएंगे, जिससे भारत की समुद्री सुरक्षा क्षमता में भारी बढ़ोतरी होगी। स्कॉर्पीन पनडुब्बियां अत्याधुनिक तकनीक से लैस होंगी, जो भारतीय नौसेना की गहराई में संचालन करने की क्षमताओं को मजबूत करेंगी।
चीन और पाकिस्तान पर नजर
नौसेना प्रमुख ने स्पष्ट किया कि भारत पड़ोसी देशों, खासकर चीन और पाकिस्तान की नौसेना गतिविधियों पर कड़ी नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा कि चीन द्वारा पाकिस्तानी नौसेना के लिए बनाए जा रहे युद्धपोत और पनडुब्बियां क्षेत्र में अस्थिरता पैदा कर सकते हैं। इस बढ़ती चुनौती का सामना करने के लिए भारत अपनी नौसेना को और सशक्त कर रहा है।
परमाणु पनडुब्बी परियोजना को भी मिली मंजूरी
एडमिरल त्रिपाठी ने बताया कि केंद्र सरकार ने दो न्यूक्लियर पॉवर्ड सबमरीन बनाने की योजना को भी मंजूरी दे दी है। इन पनडुब्बियों का निर्माण 2036-37 और 2038-39 तक पूरा होने की संभावना है। साथ ही भारत में 62 जहाज और एक पनडुब्बी का निर्माण कार्य पहले से ही चल रहा है।
द्विपक्षीय सहयोग का उदाहरण
यह डील भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का एक और उदाहरण है। राफेल विमानों और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का सौदा दोनों देशों के रक्षा क्षेत्र में सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
भविष्य की रणनीति
इस डील के बाद भारतीय नौसेना न केवल अपनी ताकत बढ़ाएगी बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी रणनीतिक स्थिति को भी और मजबूत करेगी। यह कदम भारत को समुद्री क्षेत्र में एक अग्रणी शक्ति के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।
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Ms. Pooja, |