यूं तो आपने कई खेलों का फैसला टॉस से होते हुए जरूर देखा होगा, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी बग्घी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे भारत ने पाकिस्तान से बंटवारे में टॉस जीतकर हासिल किया था! आइये जानते हैं क्या है पूरा किस्सा? सन् 1947 में अंग्रेजों से हमारे देश को आज़ादी तो मिल गई थी, परंतु इस आज़ादी ने हमारे अखंड भारत को दो भागों में विभाजित होने पर विवश कर दिया! क्या आप जानते हैं? जब भारत देश आज़ाद हुआ था, उस समय ना सिर्फ जमीनों का बंटवारा किया गया था, बल्कि उसके साथ अन्य कई चीजों का भी बंटवारा हुआ था! इसमें एक “गवर्नर जनरल्स बॉडीगार्ड्स रेजिमेंट भी शामिल थी! इस रेजिमेंट का बंटवारा तो 2:1 के अनुपात में शांतिपूर्वक हो गई थी, परंतु जब बात आई रेजिमेंट के मशहूर बग्घी की तो दोनों पक्षों में बहस छिड़ गई! क्योंकि इस मशहूर बग्घी को दोनों ही देश अपने हिस्से में लेना चाहते थे! दोनों ही देशों के लिए यह तय कर पाना कठिन ही नहीं, बल्कि नामुमकिन था कि बग्घी किस देश को सौंपा जाए! अंततः गवर्नर जनरल्स बॉडीगार्ड्स के कमांडेंट और उनके डिप्टी ने इस विवाद को शांतिपूर्वक सुलझाने के लिए एक सिक्के का सहारा लिया! उसके बाद यह बग्घी किसके हिस्से में जाएगा, उसके लिए टॉस किया गया! गवर्नर जनरल्स बॉडीगार्ड्स ने दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाकर उस सिक्के को उछाला, तत्पश्चात टॉस भारत ने जीता! इसके बाद से ही आज भी राष्ट्रपति भवन की शान मानी जाने वाली बग्घी भारत देश के हिस्से में आ गई!
वर्ष 1950 में जब देश में पहली बार गणतंत्र दिवस मनाया गया, तब भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी इसी बग्घी में सवार होकर समारोह स्थल तक पहुंचे थे! और इसी बग्घी में बैठकर डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी पूरे शहर का दौरा भी किया करते थे!
इस बग्घी में राष्ट्रपति के आने की परंपरा कई वर्षों तक चलती रही, परंतु इंदिरा गांधी हत्याकांड के बाद से सुरक्षा कारणों से इस परंपरा को समाप्त कर दिया गया और उसके बाद से राष्ट्रपति बुलेट प्रूफ गाड़ी में आने लगे! उसके बाद राष्ट्रपति के बुलेट प्रूफ गाड़ी में आने की परंपरा को वर्ष 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दुबारा बदल दिया! लगभग 20 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद वे बग्घी में बैठकर 29 जनवरी को होने वाली बीटिंग रिट्रीट में शामिल होने के लिए पहुंचे!
जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति के बग्घी के लिए घोड़े भी कुछ खास किस्म के चुने जाते हैं! यह घोड़े भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई घोड़ों की मिक्स ब्रीड होते हैं! इस नस्ल के घोड़ों की ऊंचाई सामान्य घोड़ों की तुलना में अधिक होती है, जिससे वह बग्घी के सामने भलीभांति फिट बैठ जाते हैं!
Ms. Pooja, |