गोवा की पूर्व राज्यपाल और प्रशिद्ध लेखिका मृदुला का निधन

Mridula Sinha

गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा (78 ) का बुधवार को निधन हो गया। वे शुरू से जनसंघ से जुड़ी रहीं और भाजपा की कार्यसमिति में भी शामिल रहीं। मृदुला जी का जन्म 27 नवंबर 1942 को बिहार के मुजफ्फरपुर में हुआ था। उन्होंने मनोविज्ञान में एमए और बीएड किया था। इसके बाद कुछ समय मुजफ्फरपुर के एक कॉलेज में पढ़ाया। मोतिहारी में एक स्कूल की प्रिंसिपल भी रहीं। बाद में नौकरी छोड़कर पूरी तरह लेखन में रम गईं।उन्होंने जीवन पर्यन्त राष्ट्र, समाज और संगठन के लिए काम किया. वह एक निपुण लेखिका भी थीं, जिन्हें उनके लेखन के लिए भी सदैव याद किया जाएगा

पति के साथ राजनीति में सक्रिय हुईं

उनके पति डॉ. रामकृपाल सिन्हा बिहार में कैबिनेट मंत्री और केंद्र सरकार में राज्य मंत्री रहे। इसके बाद मृदुला जी भी राजनीति में सक्रिय हो गईं। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान वे केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष रहीं। बाद में उन्हें गोवा का राज्यपाल बनाया गया।

लोक आस्था के त्योहारों पर अक्सर लिखती रहीं

मृदुला जी की पहचान राजनेता के साथ हिंदी लेखिका की भी रही है। वे पांचवां स्तम्भ नाम से एक सामाजिक पत्रिका निकाल चुकी हैं। उन्होंने अलग-अलग विषयों पर 46 पुस्तकें और उपन्यास लिखे हैं। विजयाराजे सिंधिया पर लिखी उनकी किताब ‘एक थी रानी ऐसी भी’ पर फिल्म भी बनी थी। वे लोक परंपराओं पर लगातार लिखती रहीं।बिहार के प्रसिद्ध और आस्था का त्यौहार छठ पर्व उनका प्रिय विषय था और उन्होंने लेखन में इसे लगातार शामिल किया।मृदुला सिन्हा की सबसे बरी खासियत ये रही की समाज से जुड़ी हुई लेखिका थी।

कई पुरस्कार और सम्मान उनके नाम हैं

मृदुला सिन्हा को उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का साहित्य भूषण सम्मान, दीनदयाल उपाध्याय पुरस्कार समेत कई दूसरे सम्मान और पुरस्कार मिल चुके हैं। इनके अलावा कई साहित्यिक मंचों से भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है।उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह ने शोक जताया है।

उन्होंने 46 किताबें और उपन्यास भी लिखे थे जो प्रशिद्ध हैं

  •  राजपथ  से लोक पथ पर (जीवनी)
  • नई देवयानी (उपन्यास)
  • ज्यों मेंहदी को रंग (उपन्यास)
  • प्रवास (उपन्यास)
  • यायावरी आँखों से (लेखों का संग्रह)
  • देखन में छोटे लगें (कहानी संग्रह)
  • सीता पुनि बोलीं (उपन्यास)
  • बिहार की लोककथायें -एक (कहानी संग्रह)
  • बिहार की लोककथायें -दो (कहानी संग्रह)
  • ढाई बीघा जमीन (कहानी संग्रह)
  • मात्र देह नहीं है औरत (स्त्री-विमर्श)
  • विकास का विश्‍वास (लेखों का संग्रह)
  • साक्षात्‍कार(कहानी संग्रह)
Vikas Kumar Jha

Vikas Kumar Jha, 
Political Journalist 

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