विदेश मंत्री एस जयशंकर बहरीन दौरे पर हैं। यहां उन्होंने ईरान और इजरायल के संबंध के बारे में बात की। उन्होंने विदेश मंत्री ने रविवार को कहा कि इजरायल और ईरान के बीच संबंध या इसकी अनुपस्थिति चिंता का विषय है। भारत के कुछ कूटनीतिक प्रयास इस पहलू पर केंद्रित हैं।
इजरायल-ईरान पर जयशंकर की प्रतिक्रिया
शनिवार को बहरीन की दो दिवसीय यात्रा पर आए जयशंकर ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें संघर्षों को और फैलने से रोकना, प्रमुख संपर्क परियोजनाओं का महत्व और क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति में सुधार की आवश्यकता शामिल है। उन्होंने कहा, ”हालिया समय में, हम सभी के लिए इजराइल और ईरान के बीच संबंध या इसकी अनुपस्थिति विशेष रूप से चिंता का विषय रही है। इसलिए हमारे कुछ कूटनीतिक प्रयास उस विशेष पहलू पर केंद्रित रहे हैं।” हालांकि, विदेश मंत्री ने भारत की कोशिशों के बारे में विस्तार से नहीं बताया।
आर्थिक बढ़ोतरी को भी किया रेखांकित
अक्टूबर में, ईरान ने हिज्बुल्ला प्रमुख हसन नसरल्ला और लेबनानी चरमपंथी संगठन के अन्य कमांडरों की हत्या के जवाब में इजराइल पर लगभग 200 मिसाइलें दागी थीं। इसके बाद इजराइल ने ईरानी हमलों का जवाब दिया था। भारत के लिए पश्चिम एशिया के महत्व के बारे में बात करते हुए विदेश मंत्री ने देश की सतत आर्थिक बढ़ोतरी को भी रेखांकित किया। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत आज लगभग 4,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश है और हमें उम्मीद है कि इस दशक में यह आसानी से दोगुना हो जाएगा। हमारा व्यापार आज लगभग 800 अरब अमेरिकी डॉलर का है। यह भी इस दशक में कम से कम दोगुना हो जाना चाहिए।
इजरायल और ईरान में तनाव
पिछले कुछ महीनों में ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव को लेकर वैश्विक चिंताएं बढ़ी हैं। अक्टूबर में, ईरान ने हिज्बुल्ला प्रमुख हसन नसरल्ला और लेबनानी चरमपंथी संगठन के अन्य कमांडरों की हत्या के जवाब में इजराइल पर लगभग 200 मिसाइलें दागी थीं। इसके बाद इजराइल ने ईरानी हमलों का जवाब दिया था।
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