गौरतलब है कि दिल्ली एनसीआर सहित पूरा उत्तर भारत बर्फ़ीली हवाओं का शिकार हो रहा है. दिल्ली एनसीआर में शीतलहर एवं कोहरे का डबल अटैक हुआ है साथ ही पहाड़ो पर जमने वाली ठंड ने तो लोगों का जीना मुश्किल कर रखा है. आपको जानकर हैरानी होगी कि पारा माइनस में पहुंच चुका है. श्रीनगर में तापमान शून्य से नीचे चला गया है. बठिंडा और जम्मू की बात करें तो वहां कोहरा इस प्रकार अपना कहर ढ़ाया हुआ है कि विजिविलिटी 25 मीटर से भी कम हो गई है, वहीं आगरा में तो जीरो विजिविलिटी होने के कारण लोगों का सड़कों पर चलना मुश्किल हो रहा है. घने कोहरे के कारण सड़कों पर वाहन चालकों को भी बहुत – सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसी के साथ मौसम विभाग ने आने वाले दो से तीन दिनों के लिए घना कोहरा रहने का अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग के द्वारा कहा गया कि गंगेटिक प्लेन इलाकों में सतह के निकट हल्की हवाओं और उच्च नमी के जारी रहने के कारण पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली व उत्तर – प्रदेश, उत्तरी राजस्थान, उत्तराखंड, बिहार उप – हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, असम, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश में अगले दो से तीन दिन रात और सुबह घना कोहरा रहने की संभावना जताई है. जिसका असर वाहन चालकों, फ्लाइट और ट्रेनों पर देखने को मिल सकता है.
रिपोर्ट के अनुसार कोहरे के साथ – साथ दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर भी अत्यधिक खराब श्रेणी में रहने वाली है. मौसम वैज्ञानिक वीके सोनी के मुताबिक वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) अगले 3-4 दिनों के लिए बहुत खराब श्रेणी में रहेगी, जिसके कारण लोगों को सांस लेने में समस्या हो सकती है. इसलिए लोगों से आग्रह किया गया है कि जब तक बहुत आवश्यक ना हो अपने – अपने घरों से बाहर न निकले.
आपको यह भी बता दें कि नये साल के बाद से ही दिल्ली में ठंड के रिकॉर्ड लगातार टूट रहें हैं. बीते गुरुवार की सुबह दिल्ली में इस सीजन की सबसे ठंडी सुबह दर्ज की गई थी. दो दिन पहले ही दिल्ली इस सीजन का सबसे ठंडा दिन होने का 100 साल का अपना रिकॉर्ड तोड़ चुकी है. इसी के साथ रिपोर्ट में जो आंकड़े आ रहें हैं उसके मुताबिक अत्यधिक ठंड पड़ने के कारण हर्ट और ब्रेन अटैक से मृत्यु का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. क्योंकि जैसे – जैसे ठंड का प्रकोप पूरे उत्तर भारत में बढ़ रहा है, कार्डियोलॉजी में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है.
बताया जा रहा है कि लोग जहां सर्दी के कहर के कारण अत्यधिक मुश्किलों का सामना कर रहें हैं, वहीं इस घने कोहरे का सीधा असर रेल यातायात पर भी देखने को मिल रहा है. क्योंकि विजिविलिटी कम होने के कारण ट्रेनों की रफ़्तार धीमी हो गई है. कोहरे के कारण ट्रेन के आवाजही में अधिक असर पड़ रहा है, जिसके कारण इस भीषण शीतलहर में ट्रेनों का इंतजार करने वाले यात्री सबसे अधिक परेशानी उठा रहें हैं.
Ms. Pooja, |