रविवार 2 अप्रैल 2023 को अंतर्राष्ट्रीय तैराक डॉ. मीनाक्षी पाहुजा ने पाक जलडमरू मध्य में सफलतापूर्वक तैराकी पूरी की। यह कीर्ति हासिल करने के लिए उन्होंने श्रीलंका के थलाइमन्नार तट से तैरकर भारत के अराचामुनई तट तक तैराकी की। 28 किमी के इस सफर को पूरा करने में उन्हें कुल 10 घंटे 20 मिनट का समय लगा।
आपको बता दें कि मीनाक्षी पहुजा का जन्म 5 सितंबर 1977 में दिल्ली में हुआ, उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से की, जहां उनका नाता जल से जुड़ा। डॉ पाहुजा के कोच उनके स्वर्गीय पिताजी श्री वी. के. पाहुजा थे जो कि मॉडर्न स्कूल में अध्यापक के पद पर कार्यरत थे। वहीं से उन्हें स्विमिंग के लिए प्रेरणा मिली। मीनाक्षी जी ने पांच वर्ष की उम्र में ही स्विमिंग सीखना शुरू कर दिया था और नौ वर्ष की आयु में 50 मीटर बेस्टस्ट्रोक में जूनियर चैंपियन बनी। इसके साथ ही वह तीन बार की राष्ट्रीय चैंपियन भी रह चुकी हैं।
डॉ. पाहुजा 11 वर्षों तक तैराकी में नेशनल मेडलिस्ट भी रही हैं, वर्ष 1996 में पुसान में आयोजित 10वीं अंतर्राष्ट्रीय एशिया पैसिफिक आयु समूह चैंपियनशिप, 400 मीटर व्यक्तिगत मेडले में कांस्य पदक जीता और 3 बार लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड (2013, 2016, और 2018) में अपना नाम भी दर्ज़ किया, साथ ही डॉ मीनाक्षी पहुजा के नाम कई अन्य रिकॉर्ड भी दर्ज़ हैं।
उनसे पहले संयुक्त राज्य अमेरिका की 45 वर्षीय महिला एडिहू ने 26 फरवरी 2020 को यह कारनामा करने वाली पहली महिला बनी थी। इसके बाद तेलंगाना की 48 वर्षीय महिला श्यामला कोली ने 19 मार्च 2021 को यह कारनामा करने वाली पहली भारतीय महिला बनी। समुंद्र में तैराकी करने के लिए डॉ मीनाक्षी पहुजा ने दोनो देशों के रक्षा विभाग और विदेश मंत्रालय से अनुमति मांगी थी।
मीनाक्षी ने तैरने की शुरुआत रात के 10 बजे थलाईमन्नार से की और सुबह 9 बजे भारत के अरचमुनई तट पर पहुंची। भारतीय तट पर मछुआरा संघ के अध्यक्ष एन.जे बोस, मदुरई जिला संघ के सचिव कन्नन और सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
मीनाक्षी का कहना है कि, “यह उनकी अब तक की उपलब्धियों में से सबसे कठिन उपलब्धि है और उनका अगला लक्ष्य इसी वर्ष जुलाई में कैटालिना चैनल को तैर कर पार करने का है।”
Ms. Pooja, |