NEW DELHI. 21 अगस्त 2024 को पूरे भारत बंद का ऐलान किया गया है। यह विरोध सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ है, जिसे ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में लिए गए कोर्ट के निर्णय के खिलाफ बताया गया है। भारत बंद का असर यूपी से बिहार तक असर दिख रहा है.
भारत बंद का कारण
भारत बंद की प्रमुख वजह की बात करें, तो हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की ओर से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणी में क्रीमिलेयर वर्ग को आरक्षण देने का फैसला किया गया है। कोर्ट की ओर से कहा गया है कि जिन लोगों को इस श्रेणी में आवश्यकता है, उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए।
पार्टियों ने किया विरोध
विपक्षी पार्टियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के संवैधानिक अधिकारों का हनन होगा। क्योंकि, यह पहले से लागू आरक्षण में विशेष आरक्षण है। ऐसे में आरक्षण बचाओं संघर्ष समिति की ओर से देशभर में भारत बंद का आह्वान किया गया है। साथ ही, यह मुद्दा अब राजनीतिक दिशा में बढ़ गया है, जिसके तहत विभिन्न राजनीतिक पार्टियों द्वारा इसका विरोध जताया जा रहा है।
भारत बंद पर संगठन की मांग
देशभर में कई सामाजिक संघों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर असंतोष जताया है। दलित और आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ (NACDAOR) का तर्क है कि एससी में उप-वर्गीकरण का निर्णय आरक्षण ढांचे और संवैधानिक सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है। इसने सरकार से अनुरोध किया है कि इस फैसले को खारिज किया जाए, क्योंकि यह अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए खतरा है।
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