दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल जी का कहना है कि निजी कारों का इस्तेमाल करने से बचें, अधिक से अधिक मात्रा में बसों का प्रयोग करें! इसके लिए अब दिल्ली सरकार जल्द ही सड़कों पर प्रीमियम बसें उतारने जा रही हैं! इन बसों में यात्रियों को खड़े होकर सफ़र करने की अनुमति नहीं होगी! प्रीमियम बसों मोबाइल ऐप या वेबसाइट के माध्यम डिजिटल टिकट बुकिंग करने वालों को ही सीट मिलेंगी! सरकार जल्द ही निजी संचालकों को प्रीमियम बसों के लिए स्टेज कैरिज परमिट करेगी! सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को प्रीमियम बसों की योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की! केजरीवाल जी का कहना है कि हमारा लक्ष्य लोगों को साफ, सुरक्षित एवं आरामदायक सार्वजनिक परिवहन यात्रा उपलब्ध कराना है, ताकि लोग अपनी निजी कारों को छोड़कर बसों में यात्रा करने के लिए ज्यादा मात्रा में आकर्षित हों, और सुविधाजनक अपने गंतव्य स्थान पर पहुंच सके! उन्होंने ये भी बताया कि ये बसें सीएनजी और इलेक्ट्रोनिक माध्यम से ही चलेंगी! साथ ही यह बसें अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगी! केजरीवाल ने कहा कि योजना के तहत 01 जनवरी 2024 के बाद प्रीमियम बसों के बेड़े में निजी संचालकों की शामिल सभी बसें केवल इलेक्ट्रिक होंगी! बैठक में यह भी बताया गया कि ये बसें निजी एग्रीगेटर्स के साथ मिलकर लाया जाएगा! उन्हें बसें चलाने के लिए सरकार द्वारा ही अनुमति जारी किया जाएगा! बसों की सीट बुकिंग के लिए के वन दिल्ली एप (One Delhi App) से एकीकृत किया जाएगा! इन बसों में यात्रा करने से पहले ही टिकट बुक करनी पड़ेंगी, उसके बाद ही यात्री बसों में सफ़र कर सकता है! बसों में सीसीटीवी कैमरे के साथ-साथ पैनिक बटन भी लगाया जाएगा! और ये बसें किस-किस बस क्यू शेल्टर पर रुकेंगी इसकी जानकारी परिवहन विभाग देगा!
क्या है योजना : योजना का उद्देश्य दिल्ली में निजी संचालकों के जरिए ऐप-आधारित प्रीमियम बसें चलाना है! योजना का मुख्य उद्देश्य निजी कारों को छोड़कर लोगों को प्रीमियम बसों में यात्रा करने के लिए आकर्षित करना है ताकि दिल्ली में प्रदूषण की मात्रा को कम किया जा सके, साथ ही इंट्रा सिटी फेरे भी कम किए जा सके!
50 बसों में शुरू करना होगा फ्लीट : परिवहन विभाग जिन निजी बस संचालकों को परमिट जारी करेगी, उसके लिए उसके पास कम से कम 50 बसें होनी चाहिए और परमिट मिलने के 90 दिनों के अंदर बसों की यह संख्या पूरी करनी होगी! गौरतलब है कि बसों को रात्रि के समय में कहां पार्क किया जाएगा, उसके लिए जगह की उपलब्धता का प्रमाण पत्र भी देना होगा! साथ ही संचालकों को शिकायत निवारण प्रणाली की व्यवस्था भी करनी होगी! प्रीमियम बसें किस रूट पर चलेंगी इसका फैसला निजी संचालक स्वयं ले सकते हैं! परंतु ऐसे मार्गों को पहले ही मोबाइल ऐप या फिर वेबसाइट पर अधिसूचित किया जाएगा! एग्रीगेटर अगर कोई नया मार्ग शुरू करना चाहता है, या फिर संशोधित या समाप्त करना चाहता है तो उसे परिवहन विभाग को कम से कम सात दिन पहले सूचना करना पड़ेगा!
रूट का बंटवारा कुछ इस प्रकार किया जाएगा :
1. ट्रंक नेटवर्क – बस जहां से चलेगी, वापसी में वहीं आकर उसका रूट खत्म होगा! इसमें पहला मोरी गेट से होगा, जो करीब 22 किलोमीटर लंबा होगा! यह मोरी गेट, दिल्ली गेट, आईटीओ, केंद्रीय सचिवालय, शिवाजी स्टेडियम टर्मिनल, करोल बाग, तीस हजारी कोर्ट को कवर करेगा! दूसरा रूट नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से शुरू होगा जोकि 31 किलोमीटर लंबा होगा! तीसरा नेहरू प्लेस से शुरू होगा जोकि 28 किलोमीटर का होगा!
2. हर पांच मिनट में बसें उपलब्ध होंगी – इसके अलावा 27 ट्रंक रूट होंगे! इन्हें बड़ा रूट भी कह सकते हैं! जोकि दिल्ली के एक सिरे से दूसरे सिरे को जोड़ेगा! इन रूटों पर हर पांच मिनट में बसें मिलेंगी!
3. प्राइमरी नेटवर्क – इसमें 10-15 मिनट के अंतराल पर बस मिलेंगी! तीसरा सेकेंडरी और चौथा फीडर नेटवर्क होगा, जिसमें बसों की फ्रीक्वेन्सि 15-20 मिनट की होगी!
वर्तमान में बस रूट
625 बस रूट हैं
7200 बसें चल रही हैं
72 रूट मिनी बसों के हैं
14 रूट मैक्सी कैब के हैं
बदलाव के बाद
25 बस रूट होंगे
274 रूट पर 5-10 की फ्रीक्वेन्सि होगी
351 रूट पर 10-20 मिनट के अंतराल पर बस मिलेंगी!
अभी कुल 625 बस रूट हैं, लेकिन 50 फीसदी क्षेत्रों में 500 मीटर के दायरे में 15 मिनट के अंतराल पर बसें मिलती हैं! सरकार यह दायरा 90 फ़ीसदी से अधिक करने वाली है! इसके लिए रूट चार श्रेणी में बांटे जाएंगे!
Ms. Pooja, |