नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शराब घोटाले के मामले में तीन दिन की रिमांड पर भेज दिया है। यह फैसला राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को सुनाया। CBI ने केजरीवाल को कथित शराब नीति घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था और उनकी रिमांड की मांग की थी।
CBI के आरोप
CBI ने कोर्ट में कहा कि केजरीवाल की शराब नीति में अनियमितताएं पाई गई हैं, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है। जांच एजेंसी ने यह भी दावा किया कि इस मामले में कई बड़े अधिकारियों और व्यापारियों की मिलीभगत है, जिसके लिए केजरीवाल की पूछताछ जरूरी है। एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि वे इस मामले में गहराई से जांच कर रहे हैं और कई महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटा रहे हैं।
केजरीवाल की प्रतिक्रिया
अदालत में पेशी के दौरान केजरीवाल ने सभी आरोपों को निराधार और राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने शराब नीति को पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए थे। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल उनकी सरकार को अस्थिर करने के लिए इस मामले को तूल दे रहे हैं।
राजनीतिक विवाद
इस घटना ने दिल्ली की राजनीति में भूचाल ला दिया है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने CBI की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताते हुए इसके खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया है। AAP नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार दिल्ली सरकार को बदनाम करने और केजरीवाल की छवि को धूमिल करने के लिए इस तरह के आरोप लगा रही है। विपक्षी दलों ने भी इस मामले में अपने-अपने पक्ष रखे हैं, जिससे यह मुद्दा और भी गरम हो गया है।
आगे की राह
केजरीवाल को तीन दिन की रिमांड पर भेजे जाने के बाद अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि CBI की जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है। क्या CBI को इस मामले में ठोस सबूत मिलेंगे या फिर यह राजनीतिक विवाद का एक और अध्याय बनकर रह जाएगा। फिलहाल, दिल्ली की राजनीति और सरकार दोनों ही इस घटनाक्रम से प्रभावित हो रही हैं। अगले कुछ दिनों में इस मामले में कई और महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते हैं, जिससे राजनीतिक सरगर्मियां और बढ़ने की संभावना है।
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