ई टेंडरिंग के खिलाफ कॉलेज यूनियनों ने कॉलेजों में किया प्रदर्शन

College unions demonstrated in colleges against e tendering

पिछले 40 दिनों से दिल्ली यूनिवर्सिटी मे चल रहे Delhi University College Karmchari Union (DUCKU) के अनिश्चितकालीन धरने का कोई नतीजा निकलता नजर नहीं आ रहा है। वहीं, दो दिन पहले DUCKU की विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ हुई मीटिंग का भी कोई खास असर नहीं दिखा फिलहाल यह धरना जारी है।

DUCKU की विश्वविद्यालय प्रशासन से जो मांगे हैं वो कुछ इस प्रकार से हैं :-

* E – Tendering को वापस लिया जाए
* Contractual Staff जो की काफी लंबे समय से काम कर रहे हैं उन्हे परमानेंट किया जाए
* Compensate ground पर लगे सभी कर्मचारियों को परमानेंट करे
* 12 कॉलेज दिल्ली सरकार के द्वारा वित्त पोषित हैं, उनका वेतन और बाकी Allowances तुरंत जारी किए जाए।
* प्रैक्टिकल एग्जाम में मिलने वाले पैसों को बढ़ाया जाए।
* छुट्टियों के दिन कर्मचारियों को काम के लिए बुलाया जाता है, और बदले में उन्हें 240 रुपये दिए जाते हैं जो की काफी कम है उसे भी बढ़ाने की मांग DUCKU कर रही है
* इसके अलावा और भी काफी डिमांड हैं जो विश्वविद्यालय ने ठंडे बस्ते मे डाल रखी है।

इन मांगो के बारे में विस्तार से जानते जानते हैं:-

दिल्ली यूनिवर्सिटी के कर्मचारी यह धरना प्रदर्शन E – Tendering यानि की ठेकेदारी प्रथा के विरोध में कर रहे हैं। DUCKU President Devendra Sharma और General Secretary Ravindra Pandey का कहना है की पहले विश्वविद्यालय में सिर्फ दो केटेगरी होती थी जिसमें एक परमानेंट अपॉइन्ट्मेंट और दूसरा adhoc appointment, परंतु कुछ वर्ष पूर्व adhoc appointment को बंद करके Contractual appointment शुरू कर दिया। और इसके वेतन को फिक्स कर दिया गया था जो की Adhoc appointment में मिलने वाले वेतन से काफी कम था। Adhoc Appointment में मिलने वाला वेतन किसी भी cadder को उसकी शुरुआती बेसिक पे के साथ फिक्स किया जाता था और D. A. हर छह महीने में बढ़ता था।
DUCKU ने काफी लंबा संघर्ष करके Contractual staff को भारत सरकार की नीति समान work समान Pay के तहत Basic + DA का प्रावधान करवाया था। जो कि वर्तमान में honerable वाईस चांसलर श्री योगेश सिंह जी द्वारा किया गया था। आगे बताते हुए DUCKU PRESIDENT ने कहा की अब विश्वविद्यालय के आला अधिकारियों को Contractual स्टाफ का वेतन खटकने लगा और उन्होंने contractual स्टाफ को ही समाप्त करने का निर्णय ले लिया। और आगे आने वाले समय में कर्मचारियों को E- Tendering के द्वारा भरा जाएगा, मतलब की जो कंपनी GEM Portal के माध्यम कम पैसों में स्टाफ मुहैया कराएगी उसे ही टेन्डर दे दिया जाएगा और जो Contractual Staff 10-15 सालों से काम कर रहे हैं उन्हे बाहर कर दिया जाएगा।

बीते कुछ दिनों पहले DUCKU ने एक विशाल रैली विश्वविद्यालय के गेट नंबर 4 से शुरू होकर हिन्दू कॉलेज होते हुए गेट नंबर 1 तक निकाली। जिसमें कर्मचारियों ने अपना विरोध प्रदर्शन किया और VC और रजिस्ट्रार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

DUCKU president Devendar Sharma का कहना है धरने को सपोर्ट करने के लिए AITUC यानि कि “आल इंडिया Trade Union Congress” के General secretary Mr. Sidhu. IPSEF – यानि कि “Indian Public Service Employees Federation” के General secretary प्रेम जी लगातार वहां पहुंच रहें हैं और अपना समर्थन दे रहे हैं। धरने को support करने के लिए आए संदीप दीक्षित former M. P. कांग्रेस जो कि इसी विश्वविद्यालय से पढ़े हैं। उन्होंने भी इस E – Tendering का विरोध किया और अस्वासन दिया कि वह DUCKU की आवाज को संसद तक पहुंचाएंगे।
साथ ही DUCKU के प्रधान देवेंदर शर्मा ने कहा कि सोमवार को यानि कि 20 मार्च को सभी कॉलेज कर्मचारी अपने -अपने कॉलेजों में E- Tendring का विरोध प्रदर्शन करेंगे और यह भी कहा कि यदि उनकी मांगे जल्द पूरी नहीं की गई तो यह धरना आनेवाले मंगलवार यानि 21 मार्च से विशाल रूप ले लेगा . वहीं उनका कहना है कि इस धरने के कारण छात्रों को हो रही परेशानी के लिए विश्वविद्यालय स्वयं जिम्मेदार है।

Pooja Kumari Ms. Pooja,
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