हरियाणा कांग्रेस को बड़ा झटका: किरण चौधरी ने छोड़ी पार्टी

किरण चौधरी

हरियाणा की वरिष्ठ कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने हाल ही में पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है, जिससे राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। उनके इस कदम से कांग्रेस को भारी झटका लगा है, विशेष रूप से आगामी चुनावों के मद्देनजर।

पार्टी में गुटबाजी और अनदेखी

किरण चौधरी ने पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें प्रमुख है गुटबाजी और वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी। उन्होंने कहा कि पार्टी को कुछ लोगों की निजी जागीर बना दिया गया है, और उनके साथ लगातार अन्याय हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें और उनकी बेटी श्रुति चौधरी को राजनीति से खत्म करने की साजिश रची जा रही है। चौधरी के अनुसार, पार्टी की बैठकों और निर्णय प्रक्रियाओं से उन्हें दूर रखा जा रहा है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उदयभान पर निशाना

किरण चौधरी ने विशेष रूप से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इन नेताओं के नेतृत्व में पार्टी में गुटबाजी बढ़ गई है और ईमानदार नेताओं को दरकिनार किया जा रहा है। चौधरी ने यह भी कहा कि उन्हें पार्टी की बैठकों की सूचना नहीं दी जाती और उन्हें जानबूझकर अलग रखा जाता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जनता मारे तो मरेंगे, लेकिन किसी और के मारने से नहीं मरेंगे।

टिकट वितरण पर असंतोष

किरण चौधरी ने लोकसभा चुनावों में टिकट वितरण को लेकर भी असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अगर भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से श्रुति चौधरी को टिकट दिया जाता, तो वे निश्चित रूप से भारी मतों से विजयी होतीं। उन्होंने आरोप लगाया कि टिकटों का वितरण सही तरीके से नहीं किया गया और पार्टी के अंदर ईमानदार और मेहनती नेताओं की उपेक्षा की गई।

कांग्रेस के भविष्य पर सवाल

चौधरी के पार्टी छोड़ने के फैसले ने कांग्रेस के भविष्य पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कांग्रेस एकजुट नहीं होती और वरिष्ठ नेताओं का सम्मान नहीं करती, तो भविष्य में पार्टी को और भी नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि जब तक पार्टी में बाप-बेटे की राजनीति चलती रहेगी, तब तक कांग्रेस अच्छे परिणाम नहीं प्राप्त कर सकती।

केंद्रीय नेतृत्व की प्रतिक्रिया

किरण चौधरी के आरोपों और पार्टी छोड़ने के फैसले के बाद कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने स्थिति को गंभीरता से लिया है। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय नेताओं ने हरियाणा के नेताओं को एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी से मना किया है। प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने अपने बयानों पर सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया था और वे किरण चौधरी का सम्मान करते हैं।

किरण चौधरी का पार्टी छोड़ना कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। उनके इस कदम से पार्टी में चल रही गुटबाजी और अंदरूनी कलह सार्वजनिक हो गई है, जो आगामी चुनावों में पार्टी की संभावनाओं को प्रभावित कर सकती है। चौधरी के आरोपों और उनके पार्टी छोड़ने के निर्णय ने कांग्रेस के भीतर सुधार और एकजुटता की आवश्यकता को और भी अधिक स्पष्ट कर दिया है। अब यह देखना होगा कि कांग्रेस इस संकट से कैसे निपटती है और अपनी संगठनात्मक ताकत को कैसे मजबूत करती है।

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