अमेरिका से लगातार डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों की संख्या को देखते हुए भारत में फर्जी ट्रैवल एजेंट्स पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। अमृतसर में प्रशासन ने करीब 40 ट्रैवल एजेंट्स के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं, जबकि 17 लोगों ने अपने एजेंट्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। कथित तौर पर जिन भारतीयों को अमेरिकी सरकार ने हाल ही में डिपोर्ट किया है, वह इन्हीं ट्रैवल एजेंट्स के जरिए डंकी रूट के माध्यम से अमेरिका पहुंचे थे।
पंजाब के युवक की मौत
पंजाब के मोहाली में एक ट्रैवल एजेंट ने 8वीं पास युवक रणदीप सिंह को डंकी रूट से कनाडा होते हुए अमेरिका भेजने का सपना दिखाया। बेटे को विदेश भेजने के एवज में उसने परिवार से 22 लाख रुपये ऐंठ लिए। युवक 8 महीने तक कंबोडिया में फंसा रहा। जहां संक्रमण के कारण युवक की मौत हो गई। न तो बेटा अपने गंतव्य तक पहुंच सका और न ही उसका शव अभी तक देश पहुंचा है।
पुलिस प्रशासन ने किया बदलाव
इस पूरे ऑपरेशन के दौरान पुलिस प्रशासन में भी बदलाव किया गया है। आने वाले दिनों में कई और एजेंट्स के खिलाफ कार्रवाई होने की संभावना है। इससे पहले, पंजाब में फर्जी एजेंट्स के रैकेट का राज उजागर तब हुआ, जब अमेरिका से निर्वासित किए गए 345 लोगों में से 131 नागरिक केवल पंजाब से थे। इतनी बड़ी संख्या में नागरिकों के निर्वासित होने के बाद पंजाब सरकार ने धोखाधड़ी करने वाले एजेंट्स पर नकेल कसने के लिए विशेष जांच दल का गठन किया था। इसका नेतृत्व एडीजीपी प्रवीण सिन्हा कर रहे हैं।
आरोपियों के खिलाफ लगी धारा
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 318 (4) धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति के हस्तांतरण या कब्जे के अपराध में शामिल होने, 316 (2) आपराधिक विश्वासघात, पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल एक्ट 2014 की धारा (13) और इमिग्रेशन एक्ट 1983 की धारा 24 समेत भारतीय न्याय के तहत केस दर्ज किया है। इन धाराओं के तहत दोषी पाए जाने पर आरोपी को पांच से सात साल तक की जेल हो सकती है।
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