नई दिल्ली: बांग्लादेश में हालिया हिंसा और अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों के बीच, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि चाहे कोई बहुसंख्यक हो या अल्पसंख्यक, किसी भी व्यक्ति को हिंसा का शिकार नहीं होना चाहिए। यह बयान ऐसे समय में आया है जब बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद कानून-व्यवस्था बुरी तरह से बिगड़ गई है और हिंसा ने विकराल रूप ले लिया है।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा, “कोई भी समुदाय चाहे वह बांग्लादेश का बहुसंख्यक हो या हिंदू, सिख, बौद्ध या कोई अन्य धर्म-पंथ-मान्यता मानने वाला अल्पसंख्यक, हिंसा का शिकार नहीं होना चाहिए।” उन्होंने भारत सरकार से इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की अपील की, ताकि मानवाधिकारों की रक्षा की जा सके और इस प्रकार की हिंसा को रोका जा सके।
बांग्लादेश में 5 अगस्त के बाद से हिंसा की घटनाओं में सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं, और खासकर हिंदू समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। कई पुलिस स्टेशनों और हिंदुओं के घरों को जला दिया गया है, और मंदिरों को भी नुकसान पहुंचाया गया है। इस दौरान उन मुसलमानों को भी निशाना बनाया गया जिन्होंने हिंसा से बचाने के लिए हिंदुओं को शरण दी थी।
अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को न केवल बांग्लादेश बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बताया। उन्होंने कहा कि भारत के लिए यह आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से भी संवेदनशील मामला है और इसे तुरंत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया जाना चाहिए।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा पर चिंता व्यक्त की है और कहा कि यह किसी भी सभ्य समाज के लिए अस्वीकार्य है। उन्होंने भी भारत सरकार से इस मामले पर ठोस कदम उठाने की मांग की।
अखिलेश यादव का यह बयान बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच मानवाधिकारों की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण अपील के रूप में देखा जा रहा है।
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