delhi.पिछले कुछ दिनों में विधानसभा चुनावों के पहले चरण की वोटिंग के बाद, मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। कई पूर्व विधायकों समेत कई महत्वपूर्ण नेताओं ने कांग्रेस को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ जुड़ने का फैसला किया है। इस घटना ने पार्टी को एक अच्छे उम्मीदवार को खोने का दर्द दिया है और चुनावी मैदान में नई संघर्ष की स्थिति बना दी है।
अमित शाह के साथ की थी मीटिंग।
इन पूर्व विधायकों और नेताओं में ज्यादातर उन्हें बांगलौर, बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह के साथ एक अहम मीटिंग के बाद छोड़ दिया गया है। इसके बाद से, ये नेता अपने निर्दिष्ट क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, कांग्रेस को बड़ा झटका पहुंचाते हुए।
कांग्रेस पार्टी को मिला बड़ा संकेत
कांग्रेस पार्टी के लिए यह एक संकेत है कि वे अपनी प्रतिस्थापन की समीक्षा करें और अपने नेताओं की समर्थन और आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहें। इसके अलावा, यह भी उन्हें चुनावी युद्ध में भाजपा के प्रति अधिक सतर्क और एकाग्र रहने की जरूरत है।
कौन लेके जायेगा वोटिंग की बाजी?
इस घटना से साफ है कि चुनावी मैदान में उत्तराधिकारी पार्टियों के बीच टकराव तेज हो रहे हैं और इससे मध्यप्रदेश की राजनीति में नई दिशा और दबाव समझने की जरूरत है।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने वाले कुछ पूर्व विधायकों की सूची में निम्नलिखित नाम शामिल हैं:
1. रामपाल सिंह – रामपाल सिंह पूर्व मध्यप्रदेश के विधानसभा के निर्मला विधानसभा के कांग्रेस विधायक थे।
2. तुलसी सिलावट – तुलसी सिलावट पूर्व मध्यप्रदेश के विधानसभा के बूधन विधानसभा के कांग्रेस विधायक थे।
यह उनमें से कुछ हैं जिन्होंने कांग्रेस पार्टी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने का निर्णय लिया है।
इस घटना के बारे में अधिक जानकारी के लिए आगामी चरणों में होने वाले चुनावी प्रक्रिया और उसके परिणामों की प्रतीक्षा की जा रही है।
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