नई दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हरियाणा की राजनीति में एक बड़ा धमाका किया। उन्होंने घोषणा की कि आम आदमी पार्टी (AAP) हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी।
मान ने कहा, “आज हम एक बड़ा ऐलान कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी एक दशक के भीतर राष्ट्रीय पार्टी बन गई है। हम दो राज्यों (दिल्ली और पंजाब) में सरकार चला रहे हैं। हमने हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला लिया है, पर उसके लिए हम किसी राजनीतिक दल का हिस्सा नहीं होंगे।”
आम आदमी पार्टी का बढ़ता कद
AAP ने पिछले कुछ वर्षों में राजनीतिक परिदृश्य पर अपनी एक महत्वपूर्ण पहचान बनाई है। दिल्ली में उनकी सफलतापूर्ण सरकार और पंजाब में जीत ने उन्हें एक मजबूत राजनीतिक शक्ति बना दिया है। मान ने इस दौरान कहा, “हमारा उद्देश्य है कि हम हरियाणा के लोगों को भ्रष्टाचार मुक्त और विकासोन्मुख सरकार दें।”
चुनावी रणनीति और सहयोगियों से दूरी
भगवंत मान ने साफ कर दिया कि AAP हरियाणा में किसी भी राजनीतिक दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने कहा, “हम अपनी पार्टी के सिद्धांतों पर चलते हुए चुनाव लड़ेंगे। हमें किसी दूसरे दल की जरूरत नहीं है। हमारे पास अपने कार्यकर्ता और अपनी योजनाएं हैं।”
हरियाणा की जनता के लिए वादे
मुख्यमंत्री ने हरियाणा की जनता को आश्वासन दिया कि अगर AAP को सत्ता मिलती है, तो वे दिल्ली और पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी विकास कार्य करेंगे। उन्होंने कहा, “हम शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे पर विशेष ध्यान देंगे। हमारी प्राथमिकता है कि हरियाणा के लोगों को बेहतर जीवन स्तर मिल सके।”
समीक्षकों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि AAP का यह फैसला हरियाणा की राजनीति में एक नई दिशा देगा। हालाँकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी अपने दम पर कितनी सफल हो पाती है।
कुल मिलाकर
हरियाणा में AAP के इस बड़े ऐलान ने राजनीति में हलचल मचा दी है। अब यह देखना होगा कि भगवंत मान और उनकी टीम हरियाणा में कितनी मजबूती से अपनी पकड़ बना पाती है।
आम आदमी पार्टी का यह साहसिक कदम हरियाणा की राजनीतिक तस्वीर को बदल सकता है। जनता की अपेक्षाएं और पार्टी की रणनीति ही भविष्य की दिशा तय करेगी।
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