पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित आरजी कर अस्पताल में महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या किए जाने की घटना के विरोध में पिछले सात दिनों से आमरण अनशन कर रहे छह कनिष्ठ चिकित्सकों के साथ उनके दो और सहकर्मी भी शामिल हो गए। वे पीड़िता के परिजनों को न्याय दिलाने की मांग सहित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों के लिए हड़ताल कर रहे हैं। ऐसे में 38 डॉक्टरों ने इस्तीफा देने का फैसला किया
38 डॉक्टर ने दिया सामुहिक इस्तीफा
एक अधिकारी ने PTI को बताया कि 38 वरिष्ठ डॉक्टरों ने एकजुटता दिखाने के लिए सामुहिक इस्तीफा देने का फैसला किया जिसके कारण अब देश में इस्तीफे की संख्या बढ़ गयी है l
कई डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा
मंगलवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के 50 सीनियर डॉक्टरों ने त्यागप-पत्र दिए थे। बुधवार को कोलकाता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के 75, नेशनल मेडिकल कालेज एवं अस्पताल के 35, नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के 50, जलपाईगुड़ी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के 19 के सीनियर डाक्टरों ने त्याग-पत्र दिए।
सामुहिक इस्तीफे पर पश्चिम बंगाल के सरकार का बयान
कोलकता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या की घटना के विरोध में गत दिनों वरिष्ठ डॉक्टरों की ओर से दिए गए सामूहिक इस्तीफों पर पश्चिम बंगाल सरकार सरकार ने कहा है कि डॉक्टरों की ओर से दिया गया सामूहिक इस्तीफा एक सामान्य पत्र है और इसका कोई भी कानूनी महत्व नहीं है। इस्तीफों को वैध माने जाने के लिए उनका सही प्रारूप में होना जरूरी है।
प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों की तबीयत हुई खराब
प्रदर्शन कर रहे चिकित्सकों में से एक डॉ. देबाशीष हलदर ने बताया, ‘‘वे बहुत कमजोर हो गए हैं। उनके मूत्र में ‘क्रिएटिनिन’ भी बढ़ गया है। सात दिनों से अनशन पर बैठे रहने से निश्चित तौर पर उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है, लेकिन तब भी इससे न्याय के लिए उनका संकल्प कमजोर नहीं हुआ है।’’
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