इन दिनों कोविड-19 का एक नया और ज्यादा संक्रामक वेरिएंट करीब पंद्रह देशों में तेजी से फैल रहा है जो बताता है कि दुनियाभर में लाखों लोगों की जान लेने वाली इस महामारी का प्रकोप अभी थमा नहीं है। वैज्ञानिक आशंका जता रहे हैं कि ये बीमारी एक बार फिर से बढ़ सकती है और कई देशों को अपना शिकार बना सकती है।
कोरोना का नया वेरिएंट XEC
कोरोना वायरस का एक नया वेरिएंट XEC यूरोप में तेजी से फैल रहा है। पहली बार इसकी पहचान इसी साल जून के महीने में जर्मनी में हुई थी और अब तक यह 13 से ज्यादा देशों में पहुंच चुका है। यह स्ट्रेन ओमिक्रॉन के दो सब-वैरिएंट्स – KS.1.1 और KP.3.3 का मिला हुआ रूप है। KS.1.1 एक FLiRT वैरिएंट है जो दुनिया भर में विभिन्न क्षेत्रों में कोविड के बढ़ते मामलों का जिम्मेदार माना जाता है। यह वायरस अपने पहले से मौजूद रूपों से थोड़ा बदला हुआ है और वैज्ञानिकों का मानना है कि यह शरीर की कोशिकाओं को काफी नुकसान पहुंचा सकता है और बीमारी के तेजी से फैलने का बड़ा कारण भी बन सकता ।
नए वेरिएंट को लेकर वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी
वैज्ञानिकों ने हाल ही में चेतावनी दी है कि कोविड-19 का “सबसे अधिक संक्रामक” वैरिएंट यूरोप में तेजी से फैल रहा है। इस नए वैरिएंट को XEC कहा जा रहा है। इस नए वैरिएंट की पहचान सबसे पहले जून महीने में जर्मनी में हुई थी और तब से XEC वैरिएंट यूके, यूएस, डेनमार्क और कई अन्य देशों में सामने आया है।
क्या है XEC के लक्षण?
XEC वैरिएंट के लक्षण पिछले कोविड वैरिएंट की तरह की हैं। इस नए वैरिएंट से पीड़ित इंसान में बुखार, गले में खराश, खांसी, गंध महसूस न होना, भूख न लगना और शरीर में दर्द जैसे प्राथमित लक्षण शामिल हैं। अब चूंकि यह ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट है। इसलिए विशेषज्ञों का कहना है कि वैक्सीन और बूस्टर शॉट्स से इसके गंभीर परिणामों को रोका जा सकता है। इसके अलावा, अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने लोगों को स्वच्छता बनाए रखने और खुद का ध्यान रखने की सलाह दी है। इसके अलावा, वैज्ञानिकों को इसके लक्षणों को बेहतर ढंग से समझने के लिए XEC की अधिक बारीकी से निगरानी करने का अनुरोध किया है।
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