WHO ने मंकीपॉक्स को सबसे खतरनाक बीमारियों की लिस्ट में शामिल किया है, यह वायरस 17 देशों में फैल चुका है. यह बीमारी खास तौर पर 15 साल से कम उम्र के बच्चों और युवाओं को अपनी चपेट में ले रही है।एम्स ने मंकीपॉक्स के लिए पांच बेड निर्धारित किया। वहीं कई देशों में एमपॉक्स वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। एमपॉक्स को लेकर डब्ल्यूएचओ के अधिकारी का बयान सामने आया था। अधिकारियों के अनुसार यह पुराना स्ट्रेन है यह कोई कोविड नहीं है। उनका कहना है कि इसके प्रसार को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।
क्या है मंकीपॉक्स ?
मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है। यह बीमारी, संक्रमित जानवरों से इंसानों में हो सकती है। बीमार या मरे हुए जानवर के संपर्क में आने से भी मंकीपॉक्स की बीमारी एक जानवर से इंसान में आ सकती है। एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी यह वायरस तेजी से फैल रहा है। संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, बेड, तौलिए आदि से इंफेक्शन फैल सकता है। जो लोग जानवरों के आसपास रहते हैं या काम करते हैं।, उन्हें मंकीपॉक्स होने का सबसे ज्यादा खतरा होता है। यह वायरस गर्भवती महिला के जरिए गर्भस्थ में भी ट्रांसफर हो सकता है। संक्रमित व्यक्ति की त्वचा पर मौजूद रैश, पपड़ी या तरल पदार्थों के सीधे संपर्क में आने से मंकीपॉक्स फैल सकता है। अगर संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो उसके मुंह या नाक से निकलने वाली बूंदों के संपर्क में आने से भी यह वायरस फैल सकता है। हालांकि इसके लिए लंबे समय तक निकट संपर्क की जरूरत होती है।
मंकीपॉक्स के इन लक्षण को ना करे नजरअंदाज
अगर आपको तेज बुखार आ रहा है तो ये मंकीपॉक्स का लक्षण हो सकता है। इसके अलावा मांसपेशियों में दर्द होना, पीठ में दर्द का होना, सूजन आना, लाल चकत्ते होना और इन चकत्तों पर खुजली होना, तेज सिर दर्द होना आदि ये इसके लक्षण हैं।
मंकीपॉक्स होने पर कैसे करें बचाव?
अगर आपको या आपके किसी जानने वाले को मंकीपॉक्स हो जाता है तो आपको सबसे पहले ऐसे व्यक्ति से दूर होना है जो इससे ग्रसित है
संक्रमित व्यक्ति को अलग रखें
सफाई का खासतौर पर ध्यान रखें और अपने हाथों को बार-बार धोते रहें
शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए
डॉक्टर से संपर्क करें और वैक्सीन लें
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