पुणे में पिछले कुछ दिनों से एक बहुत ही दुर्लभ बीमारी जिसे गुइलेन-बैरे सिंड्रोम कहते हैं, के बारे में काफी चर्चा हो रही है। ऐसी खबरें आई थीं कि इस बीमारी से पीड़ित एक महिला का डॉक्टरों की टीम ने सफलतापूर्वक इलाज किया और वह इस बीमारी से उबर गई। लेकिन अब यह बात सामने आई है कि पुणे में इस दुर्लभ बीमारी के 22 संदिग्ध मरीज पाए गए हैं। पुणे महानगर पालिका को इस बात की जानकारी दी गई है कि ऐसे 22 संदिग्ध मरीज पाए गए हैं। पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल और पूना अस्पताल में इस बीमारी से संबंधित लक्षणों की शिकायत करने वाले मरीजों के भर्ती होने के बाद नगर निगम को यह जानकारी दी गई है।
22 संदिग्ध मामले
नागरिक स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख डॉ. नीना बोराडे ने बताया कि शहर के तीन से चार अस्पतालों में जीबीएस के 22 संदिग्ध मामले सामने आए हैं। उन्होंने बताया, “पिछले दो दिनों में गिलियन-बैरे सिंड्रोम के संदिग्ध मामलों की रिपोर्ट सामने आई हैं।” बोराडे ने बताया कि हमने विस्तृत जांच शुरू कर दी है और एक विशेषज्ञ पैनल का गठन किया है। उन्होंने बताया कि हमने इन संदिग्ध मामलों के सैंपल आगे की जांच के लिए आईसीएमआर-एनआईवी को भी भेजे हैं।
गिलियन-बैरे सिंड्रोम की लक्षण
गिलियन-बैरे सिंड्रोम एक दुर्भल बीमारी है, जिसमें लोगों को कमजोरी महसूस होती। लोगों के शरीर में सुन्नता और मांसपेशियों में कमजोरी हो जाती है। इस बीमारी का मुख्य लक्ष्य शरीर में गंभीर कमजोरी है। इसे लेकर डॉक्टर का कहना है कि इस दुर्भल बीमारी से घबराने की कोई जरूरत नहीं है। संयुक्त राज्य अमेरिका में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर एंड स्ट्रोक के अनुसार, गिलियन-बैरे सिंड्रोम के ये हैं लक्षण कमजोरी, संवेदना में परिवर्तन, आंख की मांसपेशियों और दृष्टि में कठिनाई , निगलने, बोलने या चबाने में कठिनाई, हाथों और पैरों में सुई चुभने या पिन और सुई चुभने जैसी समस्या।
मरीजों की उम्र 12 से 30
अधिकांश मरीजों की उम्र 12 से 30 वर्ष की बीच
डॉ. बोराडे ने बताया कि जीवाणु और वायरल संक्रमण आम तौर पर जीबीएस का कारण बनते हैं क्योंकि वे रोगियों की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करते हैं। उन्होंने बताया, “यह बच्चों और युवाओं दोनों आयु वर्ग को हो सकता है। हालांकि, जीबीएस महामारी या वैश्विक महामारी का कारण नहीं बनेगा। उपचार के जरिये अधिकांश लोग इस स्थिति से पूरी तरह ठीक हो जाते हैं।” उन्होंने बताया, “हमने एनआईवी के वैज्ञानिकों और महामारी विज्ञानियों सहित विशेषज्ञों का एक पैनल गठित किया है। मरीजों की विस्तृत निगरानी की जाएगी। अभी घबराने की कोई जरूरत नहीं है।”
××××××××××××××
Telegram Link :
For latest news, first Hand written articles & trending news join Saachibaat telegram group
https://t.me/joinchat/llGA9DGZF9xmMDc1