ईरान: 1 अक्टूबर 2024 को, ईरान ने इजरायल पर अब तक का सबसे बड़ा मिसाइल हमला किया, जिसमें 400 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं। यह हमला तब हुआ जब अमेरिका ने ईरान को सैन्य कार्रवाई के प्रति कड़ी चेतावनी दी थी। दोनों देशों के बीच लंबे समय से तनावपूर्ण संबंध रहे हैं, और इस हमले ने इस स्थिति को और भी जटिल बना दिया है। अमेरिकी चेतावनी के बावजूद ईरान ने आक्रामक रुख अपनाया, जिससे मध्य पूर्व में स्थिरता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
हमले के बाद इजरायल में हालात
हमले के तुरंत बाद इजरायल में रॉकेट अलार्म सक्रिय कर दिए गए। यह अलार्म इजरायल के विभिन्न हिस्सों में नागरिकों को मिसाइल हमलों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश देने के लिए लगाए गए थे। इजरायली डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने तेजी से प्रतिक्रिया देते हुए मिसाइलों का मुकाबला करने के लिए अपनी सुरक्षा प्रणाली सक्रिय कर दी। हालांकि, प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, कुछ मिसाइलें इजरायल के आबादी वाले क्षेत्रों में गिरीं, जिससे कई नागरिकों को नुकसान पहुंचा और बुनियादी ढांचे को गंभीर हानि हुई।
राजनीतिक और सैन्य प्रतिक्रिया
इस हमले के बाद इजरायल की राजनीतिक और सैन्य प्रतिक्रिया अत्यधिक सख्त रही है। इजरायल के प्रधानमंत्री ने इस हमले को “घातक आक्रमण” करार दिया और ईरान को इसके गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। इजरायल की सेना ने भी हमले का जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी है, और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इजरायल की ओर से एक जवाबी हमला हो सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इस हमले की कड़ी निंदा हो रही है। संयुक्त राष्ट्र और कई देशों ने ईरान की इस कार्रवाई को क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बताया है। अमेरिका, जो पहले ही ईरान को चेतावनी दे चुका था, ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह क्षेत्रीय स्थिरता को नुकसान पहुंचाने वाला कदम है।
भविष्य की स्थिति पर चिंता
ईरान और इजरायल के बीच यह संघर्ष मध्य पूर्व में एक बड़े युद्ध का रूप ले सकता है। दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण हालात थे, और अब इस हमले के बाद युद्ध की संभावना और बढ़ गई है।
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