वह भी क्या दिन थे।

what were those days

फिक्र से आजाद थे
और खुशियां ही इखट्टी होती थी
वह भी क्या दिन थे
जब अपनी भी गर्मी की छुट्टियां होती थी।
वह भी क्या दिन थे
जब सब से बस तेरी ही बात होती थी
अब कोई तेरा नाम भी ले ले
तो हम बात बदल देते हैं
वह भी क्या दिन थे
रोने की वजह भी ना थी
ना हंसने का बहाना था
क्यों हो गए हम इतने बड़े
इससे अच्छा तो हमारा
बचपन का जमाना था
वह भी क्या दिन थे
जब घड़ी एक दो के पास होते थे
और समय सबके पास
कागज की कश्ती थी
पानी का किनारा था
खेलने की मस्ती थी
यह दिल आवारा था
कहां आ गए इस
समझदारी के दलदल में
वह नादान बचपन
भी कितना प्यारा था।

रोज़ी।

Rozi 1

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