जब तक उसका कार्य सिद्ध ना हो जाए वह आपकी हां में हां मिलाता रहेगा।
उसके स्वभाव में जल्दबाजी होती है अपना उल्लू किसी भी तरह से सीधा करने की।
स्वार्थ सिद्ध के बाद वह उस बात पर भी नाराजगी दिखा सकता है जिसमें नाराजगी वाली कोई बात ही नहीं हो।
यदि उसे लगे कि अब उसका पूरा स्वार्थ सिद्ध हो चुका है तो वह आप से दूरी बनाने की कोशिश करेगा।
मतलबी इंसान की सबसे अच्छी पहचान है, कि वह बहुत मीठा बोलता है, जब आप सोचेंगे कि हर मीठा बोलने वाला मतलबी थोड़ी ना होता है। तो आप सही हैं।
दरअसल मतलबी इंसान जब तक उसका मतलब सिद्ध ना हो जाए तब तक उसका साथ नहीं छोड़ेगा, भले ही आप उसको कुछ अनचाहा भी बोल दो वह होना चाहिए। बातों पर भी गुस्सा करता रहता है जिस पर किसी को भी बुरा लग सकता है।
किंतु यदि उसे लगे कि आप अभी भी उसके काम आ सकते हो तो वह तब तक आप की चापलूसी करेगा जब तक उसका मतलब पूरी तरह से सिद्ध ना हो जाए, और आप उसे कम से कम उस समय के लिए तो निरर्थक लगो।
अत: आपको यदि कभी भी ऐसे लोगों से सामना हो जाए तो उन्हें अपनी अहमियत का एहसास लगातार करवाते रहना चाहिए। अन्यथा ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
रोज़ी।