असली दोस्त वहीं हैं जो
बेख़ौफ, बेतकल्लुफ़ होकर
हर लम्हे में हर मोड़ पर
खड़ें हैं तुम्हारे साथ :::
हर प्रार्थना में हर दुहाई में
हर महफ़िल में हर तन्हाई में
हर ख़ुशी में हर रुसवाई में
हर मिलन में हर जुदाई में
हर कलम में हर स्याही में
हर एहसास में हर अंगड़ाई में
हर सुख की बेला में हर लड़ाई में
हर सस्ती चीज में हर महंगाई में
हर शादी समारोह में हर सगाई में
हर मुश्किल की घड़ी,हर बधाई में
हर ख़ुशी के आलम में हर दुखदाई में
हर व्यापारिक थपेड़ों में हर उग्राई में
हर बहती नदी ,हर पर्वत की उचाईं में
हर नमकीन में और हर मिठाई में
हर मौज में हर सागर की गहराई में
हर कायनात,हर उम्मीद कीभरपाई में
हर तारीफ़ में हर जीवनरूपी बुराई में
हर ज़िंदगी के जुए में हर कमाई में
हर ठंडी रात में हर दिन की गरमाई में
हर जामें जुंबिश में शरबते ठंडाई में
हर पशेमानी में हरसफल रहनुमाई में
हरफूलों कीसेज काँटों की अगुवाईमें
कई बनावटी दोस्त तो
मुँह ढक कर औंधें पड़ें हैं
दोस्त वहीं हैं ख़ास जो
हर वक़्त तुम्हारे साथ खड़ें हैं
सुनील की कलम से
(Views are personal. This is an opinion piece and the views expressed are the author’s own. The saachibaat.com neither endorses nor is responsible for them.)
Sunil Kapoor |