तू दौड़ में अव्वल आऐ यह जरूरी नहीं,
तू सबको पीछे छोड़ दे यह भी जरूरी नहीं,
जरूरी है तेरा दौड़ में शामिल होना,
जरूरी है तेरा गिरकर फिर से खड़े होना,
जिंदगी में इंतिहान बहुत होंगे,
आज जो तेरे आगे है कल वो तेरे पीछे होंगे,
बस तू चलना मत छोड़ना,
बस तू लड़ना मत छोड़ना।।
देखती है तुझको मंजिल
तू बस उसी की और चलना।।
लक्ष्य से तू ना बिचलना
राह में तूने बिखरना,
देती है तुझको मंजिल,
तू बस उसी की ओर चलना।
पथ भी भटकाएगा,
कुछ भी समझ ना आएगा,
हार भय के धनुष से,
तीर सा तू बढ निकलना,
देखती है तुझको मंजिल,
तू बस उसी की ओर चलना।।
तू बस उसी की और चलना।।
लक्ष्य से तू ना बिचलना
राह में तू ना बिखरना।
तू बस उसी की और चलना।।
तू सबको पीछे छोड़ दे यह भी जरूरी नहीं,
जरूरी है तेरा दौड़ में शामिल होना,
जरूरी है तेरा गिरकर फिर से खड़े होना,
जिंदगी में इंतिहान बहुत होंगे,
आज जो तेरे आगे है कल वो तेरे पीछे होंगे,
बस तू चलना मत छोड़ना,
बस तू लड़ना मत छोड़ना।।
देखती है तुझको मंजिल
तू बस उसी की और चलना।।
लक्ष्य से तू ना बिचलना
राह में तूने बिखरना,
देती है तुझको मंजिल,
तू बस उसी की ओर चलना।
पथ भी भटकाएगा,
कुछ भी समझ ना आएगा,
हार भय के धनुष से,
तीर सा तू बढ निकलना,
देखती है तुझको मंजिल,
तू बस उसी की ओर चलना।।
तू बस उसी की और चलना।।
लक्ष्य से तू ना बिचलना
राह में तू ना बिखरना।
तू बस उसी की और चलना।।
मन की आवाज कहलाए कलम से
रोज़ी।