वेटिकन अधिकारियों के अनुसार, पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार के लिए लगभग 2 लाख लोग वेटिकन पहुंचे हैं। साथ ही 100 से अधिक प्रतिनिधिमंडल एक साथ आए हैं। इस गंभीर और मार्मिक समारोह की अध्यक्षता कार्डिनल जियोवानी बतिस्ता रे ने की, जिसमें लगभग 250 कार्डिनल, पैट्रिआर्क, आर्कबिशप, बिशप, पुजारी और धर्मनिष्ठ धार्मिक शामिल हुए।
एक महीने से पॉप अस्पताल में रहे भर्ती
पोप फ्रांसिस कई महीनों से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। 14 फरवरी को रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया था। पोप फेफड़ों में इन्फेक्शन के चलते अस्पताल में भर्ती थे। डबल निमोनिया भी था। अस्पताल में चिकित्सकों की निगरानी में उनका चला था। एक महीने से ज्यादा समय अस्पताल में बिताने के बाद 14 मार्च को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया था। सोमवार(21 अप्रैल) को वेटिकन के कासा सांता मार्टा स्थित अपने निवास पर अंतिम सांस ली।
राष्ट्रपति मुर्मु भी पहुंची वेटिकन
अंतिम संस्कार के बाद पोप फ्रांसिस को रोम के बेसिलिका सेंट मैरी मेजर में वेटिकन के बाहर दफनाया जाएगा। फ्रांसिस एक सदी से भी अधिक समय में वेटिकन ग्रोटो के बाहर दफन होने वाले पहले पोप होंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रोम ने वेटिकन पहुंचकर पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके साथ केंद्रीय संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू, राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन और गोवा विधानसभा के उपाध्यक्ष जोशुआ डी सूजा भी पहुंचे हैं।
3 घंटे तक चली अंतिम संस्कार की प्रक्रिया
सेंट पीटर्स स्क्वायर पर पोप के अंतिम संस्कार की रस्में 1:30 बजे से शुरू होकर करीब तीन घंटे चलीं।। उनका शव सेंट पीटर्स बेसिलिका से निकालकर सेंट पीटर्स स्क्वायर में रखा गया, जहां प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ। पोप के अंतिम संस्कार में ढाई लाख लोग जुटे।
मई मे होगा नए पोप का चयन
मई में शुरू होगी नए पोप को चुनने की प्रक्रिया
मई के पहले हफ्ते में नए पोप को चुनने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अभी कुछ कार्डिनल द्वारा वेटिकन सिटी का संचालन किया जा रहा है, जिनमें सबसे प्रमुख कार्डिनल हैं जियोवानी बटिस्टा रे। नए पोप को चुनने के लिए सिस्टीन चैपल में होने वाले मतदान का प्रबंधन करने की जिम्मेदारी भी कार्डिनल जियोवानी बटिस्टा रे के कंधों पर ही होगा।
क्या था पोप फ्रांसिस का अंतिम संदेश?
पोप फ्रांसिस ने अपने आखिर संदेश में जरूरतमंदों की मदद करने, भूखों को खाना देने और विकास को बढ़ावा देने वाली पहलों को प्रोत्साहित करने की अपील की थी। ईस्टर पर जारी अपने संदेश में उन्होंने लिखा-‘मैं हमारी दुनिया में राजनीतिक जिम्मेदारी के पदों पर बैठे सभी लोगों से अपील करता हूं कि वे डर के आगे न झुकें। डर दूसरों से अलगाव की ओर ले जाता है। सभी जरूरतमंदों की मदद करने, भूख से लड़ने और विकास को बढ़ावा देने वाली पहलों को प्रोत्साहित करने के लिए उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करें।
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