नीरज तूने उठाया गांडीव और फेंक दिया ऐसा भाला
खेल जगत के अंधकार में कर दिया खूब उजाला
शाख़ पर बैठे कई उल्लू बेवजह क़सीदे कस रहे थे
मोदी और तेरे शौर्य को ये ग़द्दार नाहक ही डस रहे थे
भाला जो तूने फेंका उनका खो गया निवाला
एकसौतीस करोड़ का सर्वलौकिक़
तू बना सरबाला
दुख सहे है तूने कितने,काटें हैं कई दिन ग़ुरबत में
महनतकश इंसान रहा तू फ़ौजियों की सोहबत्त में
निखर के आयी प्रतिभा फिर भी तू रहा शर्मिला
शेर की सी शक्ति है तुझमें चीते सा तू फुर्तीला
महाराणा का तू है वंशज मोदी जैसा है तेरा सीना
शिवाजी जैसा साहस है तुझमें कोहिनूर सा तू नगीना
द्रिड निश्चय सरदार पटेल जैसा इरादे हैं फ़ौलादी
नेता जी सुभाष की हिम्मत, तुझमें फ़ौजियों सी उन्मादी
सिंधु , साक्षी , दीपा , मीरा ने भी देश का गौरव बढ़ाया
बेटियों में भी दम है कितना रनिपाल ने ये दर्शाया
अच्छा स्वास्थ व अटल विश्वास जीवन के दो वरदान
हुनर अपनाओ करिश्मा दिखलाओ पूरे होंगे अरमान