भारत का परचम तुम लहराओगे
विश्व-विजयी होकर तुम आओगे
सोने को ही तुम निशाना बनाओगे
जन गण मन दुनिया को सुनाओगे
भारत का परचम तुम लहराओगे
भारत का परचम तुम लहराओगे
महाराणा सा तुम में स्वाभिमान हो
वीर शिवाजी जैसी आन-बान हो
सीना तुम्हारा हिम्मत-ए-चट्टान हो
गुरु गोबिंद सिंह की तुम संतान हो
मस्तक पर तिलक तुम लग़ाओगे
भारत का परचम तुम लहराओगे
भारत का परचम तुम लहराओगे
ताक़त है राम भक्त हनुमान की
क्षमता है अग्रणिय परिणाम की
तुम भरो उड़ान नीले आसमान की चश्मों-चिराग़ हो हिंदुस्तान की
आदर्श मिल्खा सिंह को बनाओगे
उन जैसी तीव्रता तुम दिखलाओगे
भारत का परचम तुम लहराओगे
भारत का परचम तुम लहराओगे
भारत के साहसी प्रचंड रणबंकुरों
खेल के हर रण में तुम छा जाओगे
कुटिल जाँबाज़ करतब दिखाओगे
तिरंगे समक्ष शीश तुम झुकाओगे
निडरता का मतलब समझाओगे
भारत का परचम तुम लहराओगे
भारत का परचम तुम लहराओगे
सुनील की कलम से