Tribute To Jayachandran: संगीत के महानायक पी. जयचंद्रन का निधन, 16,000 गानों के साथ भारतीय संगीत जगत में अमर

Lal Krishna Advani 2025 01 10T150859.145

New Delhi: भारतीय संगीत जगत के दिग्गज पार्श्व गायक पी. जयचंद्रन का गुरुवार (9 जनवरी) को त्रिशूर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे और लंबे समय से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। उनका निधन संगीत प्रेमियों के लिए एक बड़ी क्षति है, क्योंकि उन्होंने अपनी आवाज़ से लाखों दिलों को छुआ था।

16,000 से अधिक गानों के साथ संगीत यात्रा
पी. जयचंद्रन ने अपने करियर में 16,000 से अधिक गाने गाए हैं, जिनमें मलयालम, तमिल, कन्नड़, तेलुगु और हिंदी जैसी भाषाओं में उनके गायन का जादू था। उनका संगीत छवि की सीमाओं को पार कर गया और उनकी आवाज़ ने हर पीढ़ी के दिलों में एक खास स्थान बना लिया। चाहे प्रेम के गीत हों या विरह के, उनके गाने जीवन के हर पहलू को दर्शाते थे।

प्रारंभिक जीवन और संगीत यात्रा की शुरुआत
जयचंद्रन का जन्म एर्नाकुलम के रविपुरम में हुआ था और उनका पालन-पोषण त्रिशूर में हुआ। बचपन से ही उनका संगीत के प्रति गहरा रुझान था, खासकर कथकली और मृदंगम में। स्कूल के दिनों में ही उन्होंने संगीत में अपनी पहचान बनाई और विभिन्न पुरस्कार जीते, जो उनके संगीत कैरियर की नींव बने।

फिल्मी यात्रा की शुरुआत और प्रमुख योगदान
जयचंद्रन की फिल्मी यात्रा 1965 में फिल्म “कलितोझान” के गीत “मंजलायिल मुंगीथोर्थी…” से शुरू हुई थी। इसके बाद उन्होंने अनगिनत गाने गाए, जिनमें “ओरु मुल्लाप्पू मलयुमई” जैसे हिट गाने शामिल थे। उनका गायन मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक अनमोल धरोहर बन गया। उन्होंने भारतीय संगीत के कई महान संगीतकारों के साथ भी काम किया, जैसे कि ए.आर. रहमान, इलियाराजा और एम.एस. विश्वनाथन।

पुरस्कार और सम्मान
पी. जयचंद्रन के संगीत योगदान को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उन्हें जेसी डैनियल पुरस्कार, कलैमामणि पुरस्कार और राष्ट्रीय पुरस्कार जैसे कई सम्मान प्राप्त हुए। इसके अलावा, उन्होंने केरल राज्य पुरस्कार और तमिलनाडु राज्य पुरस्कार भी जीते, जो उनकी अद्वितीय संगीत यात्रा के प्रमाण हैं।

अंतिम विदाई: शनिवार को अंतिम संस्कार
पी. जयचंद्रन का अंतिम संस्कार शनिवार को चेंदमंगलम स्थित पलियाथ हाउस में किया जाएगा। इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को शुक्रवार को उनके निवास स्थान पुन्कुन्नम में जनता के दर्शन के लिए रखा जाएगा। जयचंद्रन के परिवार में उनकी पत्नी ललिता और उनके बच्चे लक्ष्मी और दीनानाथ (गायक) शामिल हैं। उनके योगदान को संगीत प्रेमी हमेशा याद करेंगे।

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Pooja Kumari Ms. Pooja,
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