तुम्हारी मां ने तुम्हें 9 महीने गर्भ में रखा उस दौरान उसे बहुत उल्टियां हुई ठीक से कुछ खाया पिया नहीं गया उसके पैर सूज गए थे उसने बहुत तकलीफ सही सीढ़ियां भी नहीं चढ़ पाई होगी इस दौरान कितनी रातें उसने जाग कर काटी होगी। उसने अंदर से तुम्हारे लाते भी सही फिर उसने भयानक प्रसव पीड़ा भी सही तुम्हें इस दुनिया में लाने के लिए, तुम्हारी देखभाल की डॉक्टर की तरह, तुम्हे पढ़ाया अध्यापिका कि तरह, तुम्हारी परेशानियों को समझा दोस्त की तरह, तुम्हारे लिए हर परेशानी से लड़ी, दुख सहती रही क्योंकि वह बहुत प्यार करती थी। और यह सब तुम्हारे प्यार में किया। कुछ लोग मानते हैं कि यह तो उनका फर्ज था कुछ लोग इतने भाग्यवान नहीं होते कि मां का प्यार देखभाल पा सके तुम व्यस्त हो तो भी उन्हें अनसुना अनदेखा मत करना याद रखो समय लौट कर कभी नहीं आता। हम बड़े होते होते भूल जाते हैं कि माता-पिता बूढ़े हो गए हैं एक दिन तुम गुजरे कल में जाना चाहोगे पर जा नहीं पाओगे क्योंकि जाने वाले कभी नहीं आते।
ए खुदा तूने गुल को गुलशन में जगह दी हैं
पानी को दरिया में जगह दी है
तू उसको जन्नत में जगह देना
जिसने मुझे 9 महीने अपने पेट में जगह दी है।
रोज़ी।
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