मन की आवाज कहलाए कलम से – मन

mind 2

मन ही तो है जो सोचने पर मजबूर कर देता है
मन ही तो है जो कुछ करने पर मजबूर कर देता है
मन ही तो है जो मन की आवाज सुन लेता है
मन ही तो है जो कुछ कर दिखाने की चाह रखता है
मन ही तो है जो जीवन में सच्चाई रखता है।

कभी कभी नींद नहीं आती तो मन ही तो समझाता है
मन ही तो है जो छोटी सी चाहा जीने की वजह बन जाती है।
मन ही तो है जो आज खोने को भी मन नहीं करता
बोलने को बहुत कुछ है पर बोलने का मन नहीं करता
पहले शब्द कम पड़ जाते थे बोलने को,
लेकिन आज मुंह खोलने का मन नहीं करता
कभी कड़वी याद और कभी मीठी सच याद आती है।
आज सोचने तक को मन नहीं करता,
आप कैसे हो गए हो,
लेकिन आज तो यह भी सोचने का मन नहीं करता
यह मन ही तो है क्या करता है क्या करवाता है।
यह मन ही तो है।।।

मन की आवाज कहलाए कलम से
रोज़ी।

Rozi 1

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